Easter 2018: क्यों मनाते हैं यह त्योहार, जानें इसका महत्व और इतिहास

punjabkesari.in Wednesday, Mar 28, 2018 - 12:42 PM (IST)

ईस्टर ईसाइयों का त्योहार है, इसे मनाने के लिए कई दिन पहले ही तैयारियां करनी शुरू कर देते हैं। यह फेस्टिवल गुड फ्राई डे के 2 दिन बाद यानि रविवार को मनाया जाता है। इस दिन को खजूर रविवार के नाम से भी जाना जाता है। ईस्टर के दिन का बहुत महत्व है। ईसाई धार्मिक ग्रंथ के अनुसार प्रभु यीशु को सूली पर लटकाए जाने के बाद तीसरे दिन यीशु जी उठे थे। इसी खुशी में इस दिन को त्योहार के रूप में मनाया जाता है। ईस्टर के दिन लोग चर्च में जाकर मोमबत्तियां जलाते हैं। यह त्यौहार ईस्टर से 40 दिन पहले चलता है और गुुड फ्राइडे के रविवार को खत्म हो जाता है। 


ईस्टर फेस्टिवल की कहानी
ईसा मसीह के चमत्कारों और लोगों का परोपकार करने से परेशान होकर रोमन गवर्नर पिलातुस ने उन्हें यरुशलम पहाड़ पर सूली पर चढ़ा दिया था। ईसाई बाइबल के अनुसार रोमी सैनिकोें ने उनके साथ बहुत गलत बर्ताव किया, उन्हें कोड़ो से मारा,सिर पर कांटों का ताज पहनाया, क्रूस उठवाया और पहाड़ी पर लेजा कर उसी के साथ लटका दिया। उन्होने ईसा मसीह को बहुत यात्नाएं दी थी। इसके बाद उन्हें कब्र में दफनया गया, जब यह घटना घटी तो इसके तीन दिन बाद मैरी मग्दलेना के साथ कुछ और महिलाएं उनकी कब्र पर जीसस क्राइस्ट को श्रद्धांजलि देने पहुंचीं। वहां का नजारा देखकर वे हैरान रह गई, मकबरे के पास पहुंचते ही उन्होने देखा की समाधि का पत्थर खिसका हुआ है। कुछ टिप्पणियों के अनुसार यह भी कहा जाता है कि समाधि के अंदर से दो देवदूत दिखे, उन्होने ईसा मसीह के जिंदा होने का समाचार सुनाया। उस दिन से 40 दिन तक ईसा मसीह ने 40 दिन तक लोगों को अपने दर्शन दिए। बाद में यही धर्म ईसाई धर्म कहलाया। 


क्या है ईस्टर बनी की कहानी?
इस रस्म की शुरुआत जर्मनी से हुई मानी जाती है। बनी या खरगोश को भी इस दिन का सिम्बल माना जाता है हालांकि बाइबल में इसका कोई जिक्र नहीं है। जहां क्रिसमस के दिन बच्चे सेंट क्लॉज का इंतजार करते हैं, वहीं ईस्टर के दिन लोग ईस्टर एग गिफ्ट के इंतजार में रहते हैं।

क्या हैं ईस्टर एग्स?
इस दिन को त्योहार की तरह ही मनाया जाता है लेकिन ईस्टर एग का इस दिन खास महत्व है। चॉकलेट से बने ईस्टर एग अंदर से खोखले होते हैं जो ईसा मसीह के मकबरे का सूचक है। 

 

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