क्या आप जानते हैं जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी ये 10 रहस्यमयी बातें?

punjabkesari.in Saturday, Jun 23, 2018 - 02:48 PM (IST)

गर्मियों की छुट्टियों में कुछ लोग हिल स्टेशन तो कुछ धार्मिक जगहों पर जाना पसंद करते हैं। ओडिशा का जगन्नाथ मंदिर भी ऐसी धार्मिक जगहों में से एक है। 4 लाख लर्ग फुट के क्षेत्र में फैला जगन्नाथपुरी चार दिवारी से घिरा हुआ बेहद खूबसूरत स्थान है। बेहतरीन वास्तुकला से सजा यह मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। यूं तो भारत के सभी मंदिरों के साथ कोई न कोई रहस्य जुड़ा है लेकिन जगन्नाथ मंदिर से जुड़े तथ्य अपने आप में अद्भुत हैं, जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं जगन्नाथ मंदिर से जुड़े कुछ अनोखे और अद्भुत रहस्य।
 

मंदिर से जुड़े रहस्य
1. जगन्नाथ मंदिर में हर साल लगभग 20 लाख लोग भोजन करते हैं लेकिन फिर भी यहां अन्न की कोई कमी नहीं होगी। दुनिया के इस सबसे बड़े रसोईघर में सारा खाना मिट्टी की हांडियो में पकाया जाता है, जिसे 'अटका' कहते हैं। हैरत की बात यह भी है कि मंदिर में प्रसाद कभी भी कम नहीं पड़ता और जैसे ही मंदिर के पट बंद होते हैं प्रसाद भी खत्म हो जाता है।

2. मंदिर के बाहर आप समुद्र की लहरों की आवाजें साफ सुन सकते हैं लेकिन मंदिर के आते ही आपको समुद्र के लहरों की आवाज आना बंद हो जाएगी। ऐसा क्यों होता है इसका पता अभी तक वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाएं।
 

3. इस मंदिर के ऊपर हवाई जहाज या हेलिकॉप्टर उड़ाना सख्त मना है। क्योंकि यहां के लोगों का मानना है कि ईश्वर से ऊपर कुछ भी नहीं है और न ही हो सकता है। मगर आपको जानकर हैरान होगी कि इस मंदिर के ऊपर कोई चिड़िया या पक्षी भी नहीं उड़ता।
 

4. इस मंदिर के ऊपर लगा हुआ लाल झंडा भी लोगों के लिए रहस्य का कारण बना हुआ है। क्योंकि यह झंडा हमेशा हवा की विपरीत दिशा में ही लहराता है। खास बात तो यह है कि ध्वज हर रोज बदला जाता है और बदलने वाला भी उल्टा चढ़कर ध्वजा तक पंहुचता है। यहां के लोगों का मानना है कि अगर ध्वज रोज न बदाला जाए तो मंदिर के पट 18 साल के लिए बंद हो जाएंगे।
 

5. साइंस के मुताबिक, किसी भी चीज पर सूरज की रोशनी पड़ने पर उसकी छाया जरूर बनती हैं। मगर इस मंदिर के शिखर की कोई छाया या परछाई दिखती ही नहीं है।

6. इस मंदिर के शिखर पर लगा हुआ सुदर्शन चक्र इसकी शान है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि आप उसे कहीं से भी देख लें यह आपको सीधा ही नजर आएगा। अष्टधातु से निर्मित यह चक्र बेहद पवित्र माना जाता है।
 

7. दुनिया की सबसे बड़ी रथ यात्रा जगन्नाथ मंदिर से ही निकाली जाती है। यह रथयात्रा 5 कि.मी में फैले पुरुषोत्तम क्षेत्र में ही होती है। इस रथ यात्रा में तीनों प्रमुख देवता भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और भगिनी सुभद्रा को अलग-अलग रथों में विराजमान किया जाता है।
 

8. इस मंदिर के समुद्र तट पर दिन में हवा जमीन की तरफ आती है और शाम के समय इसके विपरीत लेकिन पुरी में हवा दिन में समुद्र की ओर और रात को मंदिर की ओर बहती है।
 

9. इस मंदिर में रखी गई तीनों प्रमुख देवताओं की मूर्तियां काष्ठ की बनी हुई है। हर साल 12वें वर्ष में एक बार प्रतिमा नई जरूर बनाई जाती है लेकिन इनका आकार और रूप वही रहता है। कहा जाता है कि मूर्तियों की पूजा नहीं होती केवल दर्शनार्थ रखी गई हैं।
 

10. जगन्नाथ मंदिर में स्थापित वेंकटेश्वर स्वामी की मूर्ति पर लगे हुए बाल उनके असली बाल हैं। ऐसा कहा जाता है कि ये बाल कभी उलझते नहीं है और हमेशा इतने ही मुलायम रहते हैं। इसके अलावा वेंकटेश्वर स्वामी यानी बालाजी की मूर्ति का पिछला हिस्सा हमेशा नम रहता है।

Content Writer

Anjali Rajput