क्या आप जानते हैं श्रीदेवी का असली नाम, जानिए उनसे जुड़ी कुछ अनसुनी बातें

punjabkesari.in Thursday, Mar 01, 2018 - 11:53 AM (IST)

श्रीदेवी बॉलीवुड की चुलबुली चांदनी थीं। चांदनी, सदमा, जुदाई, मॉम और इंगलिश- विंगलिश के अलावा 250 फिल्में करने वाली दमादार अदाकारा का असली नाम शायद ही कोई जानता हो। उन्होंने 50 साल तक बॉलीवुड फिल्मों में काम किया। इतना लंबा करियर शायद ही किसी हीरोइन का होगा। 

श्रीदेवी 13 अगस्त 1963 ई को तमिलनाडु के शिवकाशी में पैदा हुई हुई थी। वह आयंगर ब्राह्मण परिवार से थीं। पिता अयप्पन आयंगर पेशे से वकील और माता राजेश्वरी थी। श्रीदेवी का असली नाम अम्मा येंगर अयप्पन था। वह दो बहने और एक भाई थे। उनकी बहन श्री लता और भाई सतीश थे। 

श्रीदेवी का फिल्मों में आना महज एक संयोग था। उन्होंने 4 साल की उम्र में ही बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करना शुरू कर दिया था। अम्मा येंगर अयप्पन को ब्रांड श्रीदेवी में बदलने का श्रेय उनकी माता राजेश्वरी को ही जाता है। श्री ने तमिल, तेलुगू कन्नड़ और मलयालम फिल्में भी की थीं। बॉलीवुड में उनकी पहली फिल्म सोला सावन 1979 थी। मगर बॉलीवुड में उन्हें पहचान फिल्म हिम्मतवाला से मिली थी। इस फिल्म के बाद उन्होंने कई सुपरहिट फिल्मे की। 

1989 में आई फिल्म चालबाज  में श्रीदेवी दोहरी भूमिका में नजर आई थीं जो कि 80 के दशक की सुपरहीट मूवीज में से एक है। श्रीदेवी को पहला फिल्म फेयर बेस्ट एक्ट्रेस के पुरस्कार मिला था। इसके बाद साल 1991 में श्रीदेवी यशराज की फिल्म लम्हे में दिखाई दी। 'लम्हे' के लिए श्रीदेवी को उनका दूसरा फिल्म फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। 2013 में उनको पद्मश्री से नवाजा गया। 

वेनटी वेन रखने वाली श्रीदेवी बॉलीवुड की पहली हीरोइन थी। वह एेसी हीरोइन थीं, जिन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ काम करने के लिए मना कर दिया था। वह 90 में फिल्म करने के लिए1 करोड़ जैसी भारी भरकम रकम लेती थीं। 1996 में उन्होंने बॉनी कपूर से शादी की। दोनों की दो बेटियां हैं जाह्नवी और खुशी कपूर। उन्होंने अपनी बेटियों की परवरिश के फिल्म से नाता तोड़ लिया था।

ये लमहें, ये पल हर दम याद करेंगे, ये मौसम चले गए तो फरियाद करेंगे यह गाने श्रीदेवी के इस दुनिया चले जाने के बाद यह कोई उनकी याद में गा रहा है। उनकी आस्मिक मृत्यु से जहां पूरा बॉलीवुड शौक में डूबा है, वहीं दूसरी ओर उनके चाहने वालों के आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहें। बीती शाम 5 बजे के करीब राजकीय सम्मान के साथ श्रीदेवी के पार्थीव शरीर को पति बोनी कपूर ने मुख्य अग्नि दी। उनकी अंतिम यात्रा में 10 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए।
 

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