कोका-कोला व कार्ल्सबर्ग बनाएगी प्लांट-बेस्ड बोतलें, पर्यावरण को नहीं होगा नुकसान

punjabkesari.in Wednesday, May 20, 2020 - 01:09 PM (IST)

प्लास्टिक की बोतलें ना सिर्फ पर्यावरण बल्कि सेहत को भी काफी नुकसान पहुंचाती है। हालांकि प्रदूषण के खिलाफ एंटी-प्लास्टिक और गो ग्रीन जैसे कई अभियान भी चलाए जा रहे हैं। मगर, बावजूद इसके मार्केट में प्लास्टिक बैग, बोतलें आराम से मिल जाएंगे।

 

इसी बात को ध्यान में रखते हुए कोल्ड ड्रिंक की दिग्गज कंपनियां कोका कोला और कार्ल्सबर्ग ने प्लांट बेस्ड बोतलें बनाने का काम शुरू किया है। जी हां, कोका कोला और कार्ल्सबर्ग कंपनी ने कांच और प्लास्टिक की बजाए इको फ्रैंडली प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया है। दोनों कंपनियों का लक्ष्य है कि 2023 तक कोल्ड ड्रिंक्स और बीयर कागज की बोतलों में पैक की जाए।

PasteCoca Cola

कोका कोला, कार्ल्सबर्ग और लोरियल डच पेपर रिन्यूएबल केमिकल्स कंपनी एवांटियम, पेपर पैकेजिंग डेवलपर बिलरुड कोर्स्नैस "पेपर बॉटल प्रोजेक्ट" का समर्थन करने वाली कंपनियों में शामिल हैं। इस प्रोजेक्ट में पर्यावरण के अनुकूल पौधों से प्लास्टिक बनाने के लिए पादप शर्करा का यूज किया जाएगा। FPEF प्लास्टिक का यूज अंदर से कार्डबोर्ड बोतल को लाइन करने के लिए किया जा सकता है। इसका फायदा यह है कि ये बोलतें 1 साल के अंदर रिसाइकल हो जाएंगी यानी में जमीन में दबाने के बाद यह खाद में बदल जाएंगी।

Plastic bottle pollution

कांच भले ही प्लास्टिक जितना हानिकारक ना हो लेकिन इसे रिसाइकल करना इतना आसान नहीं है। वहीं कांच और प्लास्टिक की बोतलें जंगलों से लेकर समुद्र में जानवरों तक के लिए मुश्किलें पैदा करती हैं। यही नहीं, कांच की बोतलों से जब सूर्य की रौशनी टकराती है तो जंगलों में आग लगने का कारण भी बनती हैं। इसकी सतह पर पड़ी सूखी घास इस वजह से जल जाती है। यही वजह है कि अब कोका कोला और कार्ल्सबर्ग कंपनियां प्लांट बेस्ट बोलतें बनाएगी, ताकि उससे पर्यावरण व सेहत को कोई नुकसान न हो।


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Content Writer

Anjali Rajput

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