Child Labour Day: संकट में बच्चों का भविष्य, कोरोना के बाद बढ़ सकता है बाल श्रम

punjabkesari.in Friday, Jun 12, 2020 - 03:17 PM (IST)

अपराध होने के बाद भी बाल श्रम दुनियाभर में एक आम बात है। चाय की थड़ी से लेकर कारखानों तक में मासूम बच्चों का बचपन छीना जा रहा है। बाल श्रम को खत्म करने के लिए हर साल 12 जून को "वर्ल्ड चाइल्ड लेबर डे" मनाया जाता है। इस साल बाल श्रम की थीम "इम्पैक्ट ऑफ क्राइसिस आन चाइड लेबर" कोरोना वायरस से जुड़ी है।

कोरोना सकंट के बाद बढ़ सकता है बाल श्रम

आने वाले समय में भारत समेत अन्य विकासशील देशों में बाल विवाह, हिंसा, शोषण और दुव्र्यवहार में वृद्धि होने की आशंका भी है। माना जा रहा है कोरोना संकट खत्म होने के बाद कई बच्चों को बाल मजबूरी की तरफ धकेला जा सकता है। दरअसल, कोरोना की वजह से कई फैक्ट्री व कारखानों पर ताला लग गया था, जिसकी वजह से उनके मालिकों को भारी नुकसान भुगतना पड़ा।

बच्चों की हो सकती है तस्करी

ऐसे में लॉकडाउन खत्म होने के बाद नुकसान की भरपाई पूरी करने के लिए फैक्ट्री व कारखानों के मालिक सस्ते लेबर की तलाश में रहेंगे। वहीं घरों में काम करने के लिए भी तस्करी की आशंका जताई जा रही है। लिंग अनुपात कम होने की वजह से जबरन शादी या प्रोस्टीट्यूट काम के लिए लड़कियों की तस्करी की जा सकती है। इसके अलावा घरों से चल रहे कामकाजों, कृषि और जोखिम भरे पेशों में बाल श्रम में बढ़ोतरी हो सकती है।

गरीबी रेखा में देश 8.6 करोड़ बच्चेः यूनिसेफ

यूनिसेफ (UNICEF) का मानना है कि महामारी में सबसे ज्यादा प्रभावित छोटे बच्चे ही होते हें क्योंकि कुछ परिवार उनपर ही निर्भर होते हैं। बेरोजगारी और महामारी से उत्पन्न आर्थिक संकट दुनिया के विभिन्न देशों में लाखों-करोड़ों बच्चों को बालश्रम की ओर धकेल सकती हैं। बता दें कि देश में करीब 8.6 करोड़ बच्चे गरीबी रेखा में आते हैं।

गरीब बच्चों के सामने भुखमरी का संकट

महामारी के इस दौर में बच्चे पहले से ज्यादा कमजोर हो गए हैं लेकिन बावजूद इसके बच्चे काम करने को विवश हैं। लॉकडाउन की वजह से दुनिया के करीब 37 करोड़ बच्चे मिड-डे मील से वंचित हैं। ऐसे में दुनिया के वंचित और गरीब बच्चों के सामने भुखमरी का संकट पैदा हो गया है।

बाल श्रम रोकने के लिए हर साल कई कैंपेन भी चलाए जाते हैं लेकिन इस अपराध को खत्म करने के लिए हर किसी को योगदान देना होगा। कोरोना महामारी के दौर में हमें बाल श्रम के विरोध में मजबूती से खड़ा होना होगा।

Content Writer

Anjali Rajput