दीप से सहयोग तक... चंडीगढ़ युवाओं की अनोखी पहन, पुराने दीयों को कर रहें रिसाइकल

punjabkesari.in Monday, Oct 26, 2020 - 03:44 PM (IST)

दीवाली पर लोग हर बार घर को लाइट्स के साथ दीयों से भी रोशन करते हैं। मगर, त्योहार बीत जाने के बाद लोग उन्हें फेंक देते हैं क्योंकि लोग पुराने दीयों को दोबारा इस्तेमाल करना अशुभ मानते हैं। मगर, उन्हें रिसाइकल करके दोबारा यूज किया जा सकता है वो भी बढ़िया तरीके से। ऐसा ही कुछ कर रही है चंडीगढ़ के 'दीप से सहयोग तक' युवाओं की एक टीम, जो इस्तेमाल हो चुके दीयों को नई रंगत दे रही है।

चंडीगढ़ के युवाओं से सीखें कलाकारी

दरअसल, चंडीगढ़ में युवाओं की एक टीम दीयों को रिसाइकल करके उन्हें नया रूप दे रही है। युवाओं की यह टीम कम से कम 30 हजार पुराने दीए कलैक्ट कर चुकी हैं। वह दीयों को धोकर और सेग्रीगेट करने के बाद पेंट कर नया रूप दे रहे हैं। यही रिसाइकल किए हुए इन दीयों की कीमत भी पहले से ज्यादा है।

संस्थाओं को बड़े मॉल्स ने बढ़ाया मदद का हाथ

अब बहुत-सी संस्थाएं युवाएं के इन क्रिएटिव दीयों को खरीदने के लिए हाथ बढ़ा रही हैं। यही नहीं, बड़े-बड़े मॉल्स युवाओं को दीए बेचने के लिए फ्री में जगह अलॉट करवा रहे हैं। इसका श्रेय काफी हद तक सुखविंदर कौर को भी जाता है, जिन्होंने इन युवाओं को दीए रिसाइकल करने के लिए अपनी जगह दी, ताकि वह नशे व समाज की बुराइयों से दूर समाज सेवा में अपना योगदान दें।

पर्यावरण को बचाने के लिए योगदान

ग्रुप की सदस्य जशनदीप का कहना है कि वह रोजाना 4-5 घंटे दीयों को चमकाने में लगाते हैं। वह मीलो दूर अपने गांव से यह काम करने के लिए आते हैं, ताकि वेस्ट रिसाइकिलिंग के साथ पर्यावरण को बचाया जा सके। 

लाइब्रेरी बनाने के लिए यूज होगा 40% हिस्सा

'दीप से सहयोग तक' की थीम से जुड़ी टीम के सदस्य रोहित ने बताया कि दीयों से होने वाली 40% कमाई उन युवाओं की मदद के लिए खर्च किया जाएगा, जो लॉकडाउन या कोरोना की वजह से अपनी नौकरी खो चुके हैं। वहीं, बाकी का 60% लाइब्रेरी बनाने के लिए यूज किया जाएगा। इस लाइब्रेरी में सिविल की पढ़ाई कर रहे छात्र मुफ्त में किताबें पढ़ सकते हैं।

Content Writer

Anjali Rajput