क्या महिलाएं कर सकती हैं शिवलिंग की पूजा?

punjabkesari.in Monday, Jul 06, 2020 - 09:32 AM (IST)

हिंदू धर्म में सदियों से कई रीति-रिवाज व कहानियां चली आ रही हैं। वहीं एक मान्यता शिवलिंग से भी जुड़ी है। दरअसल, कहा जाता है कि महिलाओं, खासकर कुंवारी लड़कियों को शिवलिंग की पूजा नहीं करनी चाहिए। आइए जानते हैं कि आखिर इसमें कितनी सच्चाई है।

शिवलिंग का अर्थ क्या है

पुराणों में शिवलिंग को शून्य, आकाश, अन्नत, ब्राह्मांड और निराकार परमपुरुष का प्रतीक कहा गया है। स्कंदपुराण में कहा गया है कि आकाश स्वयं लिंग है। शिवलिंग वातावरण के साथ धरती व सारे ब्रह्मांड का अक्ष/धुरी ही लिंग है। वहीं शिवपुराण में शिवलिंग को ज्योति‍ का प्रतीक कहा गया है। इसके अलावा शिवलिंग का मतलब अन्नत भी होती है यानि जिसका कोई अंत व शुरूआत ना हो। किसी भी पुराण में नहीं लिखा गया कि लिंग का अर्थ योनि होता है।

महिलाएं कर सकती हैं पूजा

महिलाओं को शिवलिंग को हाथ लगाने व जल चढ़ाने की मनाही होती है। मगर इसका मतलब यह नहीं कि वो शिवलिंग की पूजा नहीं कर सकती। वहीं, जल चढ़ाने की बात करें तो महिलाएं बेफ्रिक होकर जल भी चढ़ा सकती है लेकिन महिलाओं को शिवलिंग को हाथ नहीं लगाना चाहिए।

महिलाएं क्यों नहीं लगा सकती हाथ?

माना जाता है कि माता पार्वती महिलाओं द्वारा शिवलिंग को छूने पर नाराज हो जाती हैं। महिलाओं को श‍िव मूर्ति, खासतौर पूरे श‍िव परिवार की पूजा करनी चाहिए।

महिलाएं क्यों रखती हैं व्रत?

कुंवारी कन्याएं को शिव की अराधना करने से मनचाहा वर मिलता है। वहीं, शादीशुदा महिलाओं के शिव का व्रत या पूजा करने से विवाहित जीवन में खुशियां मिलती है। यही नहीं, शिव व्रत करने से सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है।

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Anjali Rajput