Ganesh Chaturthi Special: घर पर लाएं इको फ्रैंडली गणेशा

punjabkesari.in Friday, Aug 25, 2017 - 12:28 PM (IST)

भारत के बहुत सारे हिस्सों में गणपति का त्योहार गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र, गोवा, केरल और तमिलनाडु सहित कई राज्यों में काफी उत्साह देखने को मिलता है। हिंदू धर्म के अनुसार, इस दिन सिद्धि विनायक का जन्म हुआ था। इस दौरान लोग भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर 10 दिनों तक विघ्नहर्ता श्री गणेश की पूजा करते हैं और गणेशोत्सव के अंतिम दिन यानि अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाता है। विघ्नहर्ता की दिल से पूजा करने से इंसान को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है गणपति बप्पा मुसीबतों को हर लेते हैं। इस त्योहार में गणेश जी से यहीं प्रार्थना की जाती है कि वह उनके काम को बिना किसी बांधाओं के सफलतापूर्वक पूर्ण करें। मान्यता के अनुसार इस दिन व्रत रखने से भगवान गणेश भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस साल गणेश चतुर्थी का यह त्योहार 25 अगस्त से शुरू होकर 5 सितंबर तक चलेगा। गणपति विसर्जन के दौरान उनके भक्त ''गणपति बप्पा मोरया, पुग्चा वर्षा लोकर या" जिसका मतबल है गणपति बप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ।

प्रसाद और भोग
इन दिनों भगवान गणेश जी को रोज नए पकवानों और मिठाइयों का भोग लगाया जाता है, जिनमें उनके मनपसंद मोदक जरूर शामिल होते हैं। मोदक को चावल के आटे, गुड़ और नारियल से बनाया जाता है। इस पूजा में गणपति को 21 लड्डुओं का भोग लगाने का विधान है।

पीओपी के नहीं इस बार खरीदें मिट्टी की प्रतिमा
अगर आप भी इस बार अपने घर गणेश जी स्थापित कर रहे हैं तो  पीओपी (प्लास्टर ऑफ पेरिस) की प्रतिमा की बजाए मिट्टी के गणेश घर में स्थापित करें क्योंकि मिट्टी से बनी प्रतिमा पर्यावरण के भी अनुकूल है। मिट्टी की प्रतिमा में लाल मिट्टी, जैविक खाद और बीजों का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि विसर्जन के बाद आसानी से इन्हें  गमले की मिट्टी के रूप में प्रयोग किया जा सके।

अंतर पहचानें
- मिट्टी की मूर्ति वजन में भारी होती है। 
- मिट्टी की मूर्ति कम चमकदार होती है।

 

- वंदना डालिया

Punjab Kesari