शहीद बिलाल का शौर्य चक्र लेने पहुंची मां हुई भावुक, अनुपम खेर ने कहा- ''देखकर कलेजा फट गया''
punjabkesari.in Wednesday, Nov 24, 2021 - 11:03 AM (IST)
जम्मू-कश्मीर के SPO बिलाल अहमद माग्रे को मरणोपरांत मंगलवार शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। बिलाल अहमद माग्रे साल 2019 में बारामूला आतंकवाद विरोधी अभियान में बहादुरी और शौर्य का प्रदर्शन देते हुए शहीद हो गए थे। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके हिम्मत व जज्बे के लिए इस सम्मान से नवाजा, जिसे लेने के लिए समारोह में उनकी मां पहुंची। शहीद की मां सारा बेगम पुत्र का शौर्य पहुंची थी। मशहूर बॉलीवुड एक्टर अनुपम खेर ने इस खास पल का वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया है, जिसे देख आपकी आंखों में भी आंसू आ जाएंगे।
वीडियो में शहीद की मां बेटे का पुरस्कार ग्रहण जाते हैं और उनकी आंखें भर आईं। मां अपने बेटे की वीरता की कहानी सुनकर आंसू नहीं रोक पाईं और वहीं रोने लगी। यही नहीं, मां को भावुक होता देख राष्ट्रपति भी प्रोटोकॉल तोड़क उन्हें शौर्य चक्र आगे आ गए।
भीवुक मां का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। अनुपम खेर ने इस वीडियो को शेयर करते हुए, "जम्मू-कश्मीर के #BilalAhmadMagray बारामुल्ला में नागरिकों को आतंकियों के हमले से बचाते हुए शहीद हुए।उनकी वीरता के लिए सेना का मरणोपरांत शौर्य चक्र उनकी माता #SaraBegam को दिया गया।इस विडीओ में एक माँ अपने बेटे को खोने का दुःख और अपने जज़्बात कैसे रोकती है उसे हर बार देखकर कलेजा फटता है।आंसू रुक नहीं पाते!! माँ तुझे सलाम!"
Koo Appजम्मू-कश्मीर के #BilalAhmadMagray बारामुल्ला में नागरिकों को आतंकियों के हमले से बचाते हुए शहीद हुए।उनकी वीरता के लिए सेना का मरणोपरांत शौर्य चक्र उनकी माता #SaraBegam को दिया गया।इस विडीओ में एक माँ अपने जज़्बात कैसे रोकती है उसे देखकर बार बार कलेजा फटता है।माँ तुझे सलाम! 🙏💔 - Anupam Kher (@anupampkher) 24 Nov 2021
वीडियो में आगे ये भी देखा जा सकता है कि एक महिला पुलिसकर्मी भावुक हुई बिलाल की मां को सांत्वना देने के लिए उनके पास आकर ढांढस बंधाती हैं। यही नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उन्हें सांत्वना देते है।
गौरतलब है कि बिलाल अहमद खास पुलिस अधिकारी के तौर पर बारामूला में कार्यरत थे। तभी 20 अगस्त 2019 को उन्हें एक घर में आतंकवादी होने की खबर मिली। सर्च ऑपरेशन के दौरान जब वह फंसे हुए लोगों को निकाल रहे थे तो छिपे हुए आतंकियों ने उनपर हमला कर दिया और बमबारी की। बावजूद इसके उन्होंने बहादुरी से लोगों को बाहर निकाला लेकिन वह खुद शहीद हो गए।