सुहागरात पर पति से टॉयलेट बनवाने का मांगा था वचन, अब कई महिलाएं हो रही है प्रेरित

punjabkesari.in Friday, Jun 07, 2019 - 01:35 PM (IST)

घर में बने टॉयलेट में जाना, घर में एक टॉयलेट की मांग करना हर एक महिला का हक है। 2014 के बाद से इस बात को प्रधान मंत्री मोदी भी अपनी विभिन्न स्कीम के तहत स्पोर्ट कर रहे हैं। महिलाओं को इस बारे में जागरुक करते हुए बॉलीवड एक्ट्रेस अक्षय कुमार की फिल्म टॉयलेट भी आई लेकिन इससे तीन दश्क पहले भी कुछ महिलाएं अपने हक के लिए लगातार लड़ाई करती रही हैं, ताकि उनके घर में टॉयलेट बन सकें।

 

ऐसी ही एक कहानी है उत्तरप्रदेश के औरैया जिले की बहू सुमन चतुर्वेदी की। शास्त्र में एमए पास सुमन की शादी 2000 में औरैया जिले के अछल्दा ब्लाक के गांव औतों निवासी अशोक कुमार से हुई थी। शादी के बाद सुमन ने सुहागरात पर पति से वचन में घर में शौचालय बनवाने की मांग की। अपनी पत्नी की इस मांग को पूरा करते हुए घर में टॉयलट बनवाया भी गया था। 

 

खुल में शौच जाने वालों का दीवार पर लिखती थी नाम 

इस अभियान से जुड़ने के बाद सुमन सुबह उठ कर देखती कि कौन खुले में शौच जा रहा है उसके बाद उनका नाम दीवार पर लिख देती थी। ऐसे में लोग उसके साथ झगड़ा करते, गुस्सा करते थे। लेकिन धीरे धीरे लोगों ने शर्म ने मारे घरों में टॉयलेट बनवाने शुरु कर दिए। 

 

टौली बना कर महिलाओं को करते है प्रेरित 

सुमन की ओर से लिए गए वचन को पूरा होता देख आस-पास की काफी महिलाएं भी इससे प्रेरित हुई। उसके बाद सुमन ने भी उन्हें काफी समझाया, सुमन की बात मान कर वह लड़कियां व पत्नियां भी अपने पतियों से शौचालय बनाने का वचन लेने लग गई जोकि अब तक भी चल रहा हैं। प्रशासन ने भी सुमन की मदद करते हुए महिलाओं को इस बारे में जागरुक किया। अब महिलाएं व बच्चे टोली बना कर गांव गांव में जाकर लोगों को इस बारे में जागरुक करते हैं। 

परिवार को भी इस मिशन में जोड़ा

सुमन इटावा के इनकम टेक्स अधिकारी आरबी तिवारी की पुत्री है। शादी से पहले मायके में टॉयलेट था जिसके चलते उन्हें कभी दिक्कत नहीं आई, लेकिन शादी के बाद ससुराल में टॉयलेट नहीं था। पहले उनके साथ उनके पति जुड़े धीरे धीरे उनके परिवार के बाकी सदस्य भी उनके साथ जुड़ गए। सुमन ने बताया कि ससुराल में शौच के लिए खेत में जाना दुल्हन के लिए सबसे शर्मिंदगी भरा होता हैं। 

 

हो चुकी है सम्मानित 

पीएम मोदी का स्वच्छता मिशन पूरा करने के लिए सुमन दो बार सम्मानित हो चुकी हैं। इसके बाद सुमन ने सैकड़ों गांवों में शौचालयों का निर्माण करवाया हैं। अब तक 60 के करीब गावों मे शौचालय बनवा चुकी हैं। इतना ही नहीं दिल्ली व लखनऊ में भी उनको सम्मानित किया जा चुका हैं।
 

Content Writer

Sunita Rajput