Bravery: बच्ची ने अकेले किया 3 हैवानों का डटकर सामना, 'मर्दानी' की तरह लड़कर जान बचाई

punjabkesari.in Thursday, Feb 13, 2020 - 12:17 PM (IST)

महिलाएं दुनिया के किसी कोने में सुरक्षित नहीं होती, खासकर भारत में। भारत में महिलाओं के साथ छेड़खानी, रैप, किडनैपिंग और चोरी-चकारी जैसी घटानाएं तो जैसे आम सुनने को मिलती है। ऐसे में महिलाओं के लिए बहुत जरूरी है कि वो अपनी सेफ्टी खुद रखें क्योंकि अपनी सेफ्टी अपने ही हाथ है। अब हाल ही में हुई घटना को ही देख लीजिए, जहां एक छोटी-सी बच्ची की हिम्मत और हौंसले ने उसे दरिंदों का शिकार होने से बचा लिया।

 

दरअसल, बालोद-राजनांदगांव मार्ग पर 12वीं की छात्रा परीक्षा देने के लिए जा रही थी कि तभी 3 नकाबपोश युवकों ने उसका अपहरण कर लिया। उन्होंने छात्रा को कार में बिठाकर छेड़खानी भी की, जिसके बाद लड़की ने विरोध करना शुरू किया और चीखने लगी। तभी आरोपियों ने रास्ते में कार रोकी और इतने में छात्रा उतरकर स्कूटी की तरफ भागी और हिम्मत दिखाते हुए एक आरोपी को पत्थर मारकर दांत तोड़ दिया।

इसके बाद आरोपी वहां से भाग गए लेकिन लड़की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण, छेड़खानी व पॉक्सो एक्ट का केस दर्द किया। फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है। क्योंकि सभी आरोपी नकाब में थे इसलिए पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पाया। छात्रा का कहना है कि उनमें से दो आरोपियों ने पहले भी उनके साथ छेड़खानी की थी। यही नहीं कि जब वो नकाबपोश लड़की को कार में ले रहे थे, तब उनके गांव के 4 लोग वहां से गुजरे लेकिन मदद नहीं की... हिम्मत न दिखाती तो कुछ भी हो जाता।

लड़की ने कहा, 'यह मेरे हौसले और आत्मविश्वास की जीत है। जब आरोपियों ने पहले रास्ता रोककर छेड़खानी की थी, तो उस दिन मैं घबराई नहीं बल्कि उनका डटकर सामना किया। उसी दिन से मैंने ठान लिया था कि ऐसे छेड़खानी करने वालों को सबक सिखा कर ही रहूंगी। जब वो दोबारा मुझे कार में बैठा कर ले जाने लगे, तो मैंने विरोध करना शुरू कर दिया। मैंने हौसले से ही काम लेते हुए खुद को छुड़ाने में आरोपियों से भिड़ गई।'

 

आगे वह कहती हैं कि हमारी कमजोरी ही सामने वाले की ताकत बन जाती है। ऐसे में महिलाओं को अपनी कमजोरी ना दिखाते हुए हिम्मत से काम लेना चाहिए। हौसला और आत्मविश्वास मजबूत हो तो किसी भी हालात से निपटा जा सकता है। अगर मैं हिम्मत नहीं दिखाती तो आज मेरे साथ कुछ भी हो सकता था। हालांकि मुझे अफसोस भी हुआ जब बदमाश मुझे कार में बैठा रहे थे और मेरे ही गांव के चार ग्रामीण गुजर रहे थे, लेकिन मेरी मदद नहीं की। कल ऐसा किसी भी बेटी के साथ हो सकता है इसलिए खुद को भीतर से मजबूत रखिए। ताकि ऐसे मनचलों को भी समझ में आए कि हम क्या कर सकते हैं।

Content Writer

Anjali Rajput