World Earth Day: धरती को बचाने के लिए जरूर करें ये 5 काम, आज से ही करें शुरू

punjabkesari.in Monday, Apr 22, 2019 - 05:04 PM (IST)

आज दुनियाभर में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषित होते पर्यावरण से धरती को बचाने के लिए जागरूकता जरूरी है और इसी के लिए 22 अप्रैल को 'वर्ल्ड अर्थ डे' मनाने की शुरूआत की गई थी। आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग एक मुख्य मुद्दा बन गया है, जो ना सिर्फ धरती को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि इसका असर लोगों में सेहत पर भी पड़ रहा है। 

 

किसने की 'वर्ल्ड अर्थ डे' की शुरूआत?

22 अप्रैल को विश्व पृथ्वी दिवस इसलिए मनाया जाता है, ताकि लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जागरूक करके पर्यावरण को बचाया जा सकें। पहली बार 22 अप्रैल, 1970 में विश्व पृथ्वी दिवस मनाया गया था, जिसकी शुरूआत अमेरिकी सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने की थी। कैलिफोर्निया 1969 में तेल रिसाव की भारी बर्बादी को देखने के बाद वे इतने आहत हुए कि उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर इसकी शुरुआत करने का फैसला किया। इसके बाद 1970 से 1990 तक यह पूरे विश्व में फैल गया और 1990 से इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने लगा।

क्यों चुना 22 अप्रैल का दिन?

सीनेटर गेलॉर्ड नेल्सन ने विश्व पृथ्वी दिवस मनाने के लिए 19-25 अप्रैल को इसलिए चुना ताकि लोग इसमें ज्यादा से ज्यादा हिस्सा ले सकें। क्योंकि यह समय न तो परीक्षा और न ही धार्मिक छुट्टियां का समय होता है। इस समय आम लोगों के साथ-साथ कॉलेज और स्कूल के छात्र भी इसमें खुल कर हिस्सा ले सकते हैं।

 
ग्लोबल वार्मिंग के कारण
लगातार बढ़ता प्रदूषण

ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है। आज के समय में हर जगह, हर क्षेत्र में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है, जोकि ग्लोबल वार्मिंग का सबसे बड़ा कारण है।

औद्योगीकरण का विकास

औद्योगीकरण के कारण भी कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन पिछले 15 सालों में कई गुना बढ़ गया है।

प्लास्टिक भी है कारण

हर साल विश्व में करीब 10 करोड़ टन से ज्यादा प्लास्टिक का उत्पादन हो रहा है, जोकि लगातार बढ़ता जा रहा है।

इलेक्ट्रॉनिक चीजों का यूज

आपकी रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे फ्रिज, कंप्यूटर, स्कूटर, कार आदि भी ग्लोबल वार्मिंग का कारण है। इनसे भी ऐसी गैसे निकलती है, जोकि ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने का काम कर रही है।

ग्रीन हाउस गैसें

ग्रीन हाउस गैसें भी ग्‍लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार होती हैं। इनमें नाइट्रस ऑक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, वाष्प, ओजोन शामिल हैं।

मौसम चक्र में बदलाव

मौसम चक्र में हो रहे लगातार बदलाव से पर्यावरण पर लगातार खतरा मंडरा रहा है । पूरे विश्व में गर्मियां लंबी होती जा रही हैं, और सर्दियां छोटी, जोकि पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा है।

 

धरती को बचाने के लिए दें अपना योगदान

हम पृथ्वी को तभी बचा सकते हैं जब हर कोई अपनी ओर से इसके लिए कोशिश करे। चलिए हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं, जिससे आप धरती को बचाने में योगदान दे सकते हैं।

ज्यादा से ज्यादा लगाएं पेड़

अनुमान है कि दुनिया में हर साल लगभग 15 हजार अरब पेड़ काटे जाते हैं। ऐसे में आप खुद के पेड़ लगाकार इस नुकसान को पूरा करने की कोशिश करें। पेड़ कार्बन-डाईऑक्साइड को अवशोषित कर ऑक्सीजन देते हैं। साथ ही वे कई जीव-जन्तुओं का घर और भोजन भी है। इतना ही नहीं, पेड़-पौधे गर्मी कम करने में भी मददगार है।

कम बिजली का यूज

दिन के वक्त जितना हो सके नेचुरल लाइट्स का लाभ लें। साथ ही रात को भी जहां जरूरत हो वहीं बिजनी को बंद रखें। बिजली उत्पादन में बहुत अधिक प्राकृतिक संसाधन खर्च होते हैं इसलिए आपको अधिक से अधिक बिजली की बचत करनी चाहिए।

कचरा हो कम से कम

हर साल दुनियाभर में बेशुमार कचरा पैदा हो रहा है। कार्डबोर्ड को ही कूड़े के ढेर में पड़े-पड़े विघटित होने में 2 महीने लग जाते हैं जबकि प्लास्टिक से बनी चीजें 450 साल से अधिक समय लेती हैं। ऐसे में हम सबको कोशिश करनी चाहिए कि कचरा कम से कम हो, ताकि इन्हें आसानी से रिसाइकिल किया जा सके। इसके अलावा कोशिश करें कि आप प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें।

व्यर्थ ना बहाए पानी

बेशक आपके लिए पानी की कोई कमी ना हो लेकिन भारत में ऐसे बहुत सी जगह हैं, जहां लोगों को कई-कई महीनों पानी नसीब भी नहीं होता। वास्तव में पीने योग्य पानी के संसाधन सीमित है। पृथ्वी पर 1% से भी कम पानी इंसानों द्वारा यूज किया जाता है, बाकी या तो खारा है या उस तक पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में जरूरी कि आप अधिक से अधिक पानी की बचत करें।

लोगों में फैलाए जागरूकता

पार्क से कचरा हटाने और इसे रिसाइकिल करने में अपनी योगदान दें। साथ ही पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने में भी अपना योगदान दें। जितना हो सके अपने परिवार, दोस्तों और अन्य लोगों में पर्यावरण का संदेश फैलाएं।

Content Writer

Anjali Rajput