अजब-गजब: 30 वर्षीय शादीशुदा महिला के पेट में हुआ दर्द, चेकअप किया तो निकली मर्द

punjabkesari.in Monday, Jun 29, 2020 - 12:27 PM (IST)

क्या हो अगर कई सालों से समान्य शादीशुदा महिला को पता चला कि वो मर्द है। पश्चिम बंगाल की रहने वाली एक महिला 30 साल से  सामान्य जीवन जी रही थी। मगर, एक दिन इलाज के दौरान उसे अपने पुरूष होने का पता चला, जिसने ना सिर्फ उसे बल्कि पूरे परिवार को भी हैरान कर दिया।

जांच में पता चली सच्चाई

दरअसल, 9 साल से शादीशुदा महिला के जब अचानक पेट में दर्द हुआ तो वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस कैंसर अस्पताल में इलाज के लिए गई। तभी डॉक्टरों ने जांच करने के बाद बताया कि उस महिला को पुरुषों में होने वाला कैंसर है। बायोप्सी जांच रिपोर्ट में सामने आया कि महिला टेस्टिकल्स कैंसर (अंडकोश में कैंसर) से जूझ रही है, जिसे सेमिनोमा कहते हैं।

छोटी बहन भी निकली पुरुष

हैरानी की बात तो यह है कि जब महिला ने परिवार को इस बात की जानकारी दी तो उसकी 28 वर्षीय बहन भी पुरुष निकली। जब उसकी छोटी बहन ने जांच करवाई तो उसे एंड्रोजेन इंसेंसटिविटी सिंड्रोम (Androgen Insensitivity Syndrome - AIS) बीमारी का पता चला। बताया जा रहा है कि छोटी बहन को भी बड़ी बहन जैसी ही दिक्कत थी और उसे पीरियड्स भी नहीं आते थे। मगर, उन्हें इतने सालों तक इस बात का अंदाजा भी नहीं हुआ। यही नहीं, महिला की दो मौसियों को भी एआईएस की दिक्कत है।

महिलाओं जैसी है शारीरिक बनावट

डॉक्टरों का कहना है कि उनकी शारीरिक बनावट ही नहीं बल्कि आवाज, स्तन, सामान्य बाहरी जननांग, सब कुछ एक महिला के हैं। इस महिला में पुरुषों के अंडकोश हैं, जो उसके शरीर के अंदर हैं, जिसमें कैंसर हुआ है। महिला के पास आम महिलाओं की तरह सभी जननांग हैं लेकिन वो गर्भवती नहीं हो सकती।

AIS है कारण

AIS एक विशेष व दुर्लभ प्रकार की बीमारी है, जिसमें शख्स जब पैदा होता है तब उसके जींस पुरुषों के होते हैं लेकिन शरीर महिलाओं की तरह विकसित होता है। ऐसा तब होता है जब गर्भ में भ्रूण के जननांग विकसित हो रहे होते हैं। कुछ केस में बाहरी तौर पर महिला और पुरूष दोनों तरह से मिलते-जुलते दिखाई पड़ते हैं। डॉक्टर अनुपम दत्ता ने बताया कि उसके सभी हार्मोन महिलाओं वाले हैं।

आनुवांशिक होती है यह समस्या

यह एक जींस पर निर्भर करता है इसलिए ये पीढ़ियों से इनके परिवार में ऐसा चलता आ रहा है। डॉक्टरों ने महिला के पुरुष होने की पुष्टि करने के लिए कैरियोटाइपिंग टेस्ट कराया, जिसमें शख्स के क्रोमोसोम्स का अध्ययन किया जाता है। रिपोर्ट में सामने आया कि क्रोमोसोम्स XY, जो पुरुषों के होते हैं जबकि, महिलाओं के XX होते हैं। फिलहाल, फिलहाल महिला की कीमोथैरेपी चल रही है और उसकी हालत में काफी सुधार है।

महिला और उसके पति के सामने इतना बड़ सच आने के बाद दोनों ही तनाव में आ गए। हालांकि डॉक्टर पीड़ित महिला व उसके पति को काउंसिंग के जरिए समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि इससे कोई दिक्कत नहीं है। अब तक जैसा जीवन जीते आए हैं, वैसा ही जीते रहें। हालांकि वह महिला कभी मां नहीं बन पाएगी।

Content Writer

Anjali Rajput