#10YearChallenge के क्रेजी हो जाएं सावधान, डिप्रेशन के हो सकते हैं शिकार
punjabkesari.in Sunday, Jan 20, 2019 - 03:32 PM (IST)
सोशल मीडिया पर इन दिनों #10YearChallenge का क्रेज खूब देखने को मिल रहा है, जिसमें लोग अपनी 10 साल पुरानी और लेटेस्ट फोटो को कम्पेयर करके डाल रहे हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर लोगों की टाइमलाइन्स इसी चैलेंज से भरी पड़ी हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह चैलेंज मानसिक सेहत के लिए हानिकारक है। चलिए आपको बताते हैं कि तरह यह चैलेंज लोगों की हेल्थ को नुकसान पहुंचा सकता है।
लोगों में बढ़ता #10YearChallenge का क्रेज
कीकी चैलेंज के बाद अब, आम लोगों से लेकर सेलिब्रेटिज तक में इस चैलेंज का क्रेज खूब देखने को मिल रहा है। इसमें लोग अपनी पुरानी तस्वीर को नई फोटो से कम्पेयर करके देख रहे हैं। इसमें लोग अपनी शक्ल और शरीर में हुए बदलाव का जिक्र करने की होड़ में शामिल है लेकिन किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
मानसिक सेहत के लिए है रिस्की
बर्डबॉक्स, कीकी या फिर मोमो चैलेंज की ही तरह #10YearChallenge भी काफी रिस्की है। जिस तरह मोमो चैलेंज और कीकी जैसे गेम्स खतरनाक रहे और उन्हें बैन तक कर दिया गया, उसी तरह #10YearChallenge आपकी मानसिक सेहत के लिए खतरनाक है।
#10YearChallenge से है यह खतरा
यह चैलेंज फोमो (फियर ऑफ मिसिंग आउट) यानी अकेले छूट जाने का भय नामक बीमारी का रिस्क भी पैदा कर देता है। यह तब हो सकता है जब आप किसी सोशल मीडिया एक्टिविटी में शामिल न होने का दबाव झेलें। यह स्ट्रेस व दबाव काफी बुरा हो सकता है। #10YearChallenge में आम लोगों के साथ-साथ सेलिब्रिटीज तक हिस्सा ले रहे हैं लेकिन लोगों को ये भी समझना चाहिए कि वे इस चैलेंज को सिर्फ सोशल मीडिया फैड समझें और अपने ऊपर हावी न होने दें। बीते कुछ सालों में आपमें कितना परिवर्तन आया है यह देखना कोई बुरी बात नहीं है। मगर यह भी समझना जरूरी है कि वजन घटना या उम्रदराज दिखना एक नैचरल प्रोसेस है।
प्राइवेसी के साथ हो रहा है खिलवाड़
हाल ही में एक जर्नलिस्ट ने #10YearChallenge पर आर्टिकल लिखा है, जिसमें उन्होंने इस चैलेंज के जरिए लोगों की प्राइवेसी के साथ समझौता होने की आशंका जताई है। साथ ही उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'फेसबुक के #10YearChallenge में लोग अपनी फोटो के साथ साल भी लिख रहे हैं, जैसे 'मी इन 2008 और मी इन 2018।' इसके अलावा कुछ यूजर्स अपनी फोटो की लोकेशन भी बता रहे हैं, जिससे इस चैलेंज के जरिए एक बड़ा डेटा तैयार हो रहा है कि लोग 10 साल पहले व अब कैसे दिखते हैं।' उन्होंने बताया कि इस डेटा का इस्तेमाल फेशियल रिकग्निशन एल्गोरिदम को ट्रेन्ड करने में किया जाता है।
Me 10 years ago: probably would have played along with the profile picture aging meme going around on Facebook and Instagram
— Kate O'Neill (@kateo) January 12, 2019
Me now: ponders how all this data could be mined to train facial recognition algorithms on age progression and age recognition
फेसबुक का क्या है कहना?
हालांकि फेसबुक ने इन दावों को खारिज करते हुए इसे यूजर जनरेटेड मीम बताया है। फेसबुक का कहना है कि हमने यह चलन शुरू नहीं किया। ये मीम में इस्तेमाल किए गए फोटो फेसबुक पर पहले से ही मौजूद हैं और उन्हें इस मीम से कुछ नहीं मिल रहा। फेसबुक यूजर्स फेशियल रिकग्निशन को कभी भी ऑन या ऑफ कर सकते हैं।