कोविड-19: विदेश से 2 महीने में लौटे 15 लाख लोग, सरकार की बढ़ सकती है परेशानी

punjabkesari.in Saturday, Mar 28, 2020 - 11:44 AM (IST)

कोरोनावायरस  अब तक करीब दुनिया के 150 देशों में फैल चुका है। भारत में भी इससे संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। कोरोना के मामले में कोई गिरावट नही देखी जा रही है। विदेशों में रह रहे  नागरिकों को लाने का काम भारत सरकार पिछले दो महीनों से कर रही है लेकिन अब यही लोग हमारे लिए चिंता का सबब बन रहे है। पिछले दो महीने में करीब 15 लाख लोग विदेश की यात्रा कर भारत लौटे हैं। 

 15 लाख लोगों में अगर कोरोनावायरस निगरानी की बात की जाए तो बहुत कम ही लोग या तो निगरानी में हैं या क्वारेंटाइन किए गए है। इसलिए सरकार ने चिंता जाहिर की है कि इतनी तैयारियों और लॉकडाउन के बाद भी कहीं इस युद्ध में हार न हो जाए। 

हाल ही में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने राज्य सरकारों को बताया कि है कि पिछले दो महीने में 15 लाख से ज्यादा लोग विदेश से भारत आए हैं और लौटने वाले यात्रियों तथा कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में अंतर प्रतीत हो रहा है।

 विदेश से लौटे सभी यात्रियों की निगरानी में अंतर या कमी करने में सरकार की कोशिशे इससे गंभीर रूप से प्रभावित हो सकती है। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 724 तक पहुंच चुकी है, जबकि 17 लोगों की इसकी चपेट में आने से मौत भी हुई है। भारत में मिले अधिकतर मामले मरीजों के विदेश से लौटने या विदेशियों का ही देखा गया है। कुछ मामलों में इनलोगों से संपर्क में आने के बाद यह संक्रमण फैला है। 

राजीव गौबा ने कहा कि इमीग्रेशन ब्यूरों द्वारा जारी 18 जनवरी 2020 से 23 मार्च 2020 तक की रिपोर्ट में विदेशों से आए लोगों की कोविड-19 की जांच की जानकारियां हैं, उन्होंने माना है कि इस रिपोर्ट में और भारत आए कुल यात्रियों की संख्या में भारी अंतर दिखाई दे रहा है, जो चिंता का विषय है। 

भारत में अभी तक जितने भी केस आए है उनमें तकरीबन  वो  लोग शामिल है जो विदेश यात्रा से लौटें हैं या फिर वो लोग जो उनके सम्पर्क में आए है। पंजाब में भी मामला बलदेव सिंह से शुरू हुआ। अब ऐसे में जहां लोग सख्ती से लॉकडाउन को फॉलो कर रहे है वही चिंता का विषय ये है कि ऐसे कई  एनआरआई है जो अभी तक अपना टेस्ट करवाने सामने नही आ रहे है। ऐसे में ये लड़ाई हमारे लिए और कठिन हो सकती है।
 

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Vandana