12 साल की इस बच्ची ने अपने अनोखे टैलेंट से बनाया इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस

punjabkesari.in Sunday, Sep 02, 2018 - 03:49 PM (IST)

आज के समय में अधिकांश बच्चे मोबाइल, टीवी या खेल पर अपना बहुमूल्य समय बरबाद करते हैं। मगर आज हम आपको अपनी मेहनत से 'इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस' में नाम दर्ज करवाने वाली 12 साल की बच्ची के बारे में बताने जा रहे हैं। इस छोटी सी बच्ची ने आज की पीढ़ी के बच्चों को एक नई दिशा दिखाई है। 12 वर्षीय ईशा मजीठिया ने इंडिया बुक्स ऑफ रिकार्ड्स-2018 में अपना नाम दर्ज कराकर ना केवल अपने माता-पिता बल्कि देश का भी नाम रोशन किया है।

12 साल की ईशा में एक अनोखा टैलेंट है, जिसके कारण उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज किया गया है। जिस उम्र में बच्चे अपना अधिकांश समय स्कूल में बिता देते हैं, उस उम्र में इस बच्ची ने सबको हैरान कर देने वाला काम किया है। दरअसल, गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली 12 साल की ईशा मजीठिया ने रामायण के सुंदरकांड पर आधारित 35 चित्रों की एक श्रृंखला प्रदर्शित कर इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस-2018 में अपना नाम दर्ज कराया है।

इतना ही नहीं, इसमें चित्रों की मदद से सुंदरकांड की चौपाइयों को दर्शाया गया है। ईशा ने चित्रों को कागज पर एक्रिलिक रंग, क्रेयॉन स्याही और चारकोल की मदद से इस काम को पूरा किया। भरतीय शास्त्र को दर्शाने वाली यह देश की पहली ऐसी अनोखी चित्रकारी है। चित्र देखकर आपको ऐसा लगेगा ही नहीं कि यह किसी बच्ची ने बनाई है।

ईशा ने महज 6 साल की उम्र में साल 2012 में इस काम को शुरू किया था और 2016 में उन्होंने इसे पूरा कर लिया। इसी दौरान ईशा के काम पर आधारित एक पुस्तक भी रिलीज की गई थी। अब उनके काम को देखते हुए उन्हें इस साल 'इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस' में जगह दे दी गई। ईसा की मां का कहना है कि इस किताब का उद्देश्य है कि बच्चों को प्राचीन पवित्र ग्रंथों के प्रचार और संरक्षण में शामिल करना है। इस पुस्तक में ईशा द्वारा भी संकलित की गई तस्वीरें हैं। पुस्तक में सुंदरकांड का मूल पाठ है और इसका अनुवाद तीन भाषाओं-गुजराती, हिंदी और अंग्रेजी में किया गया है।

Content Writer

Anjali Rajput