एेसे करें नवजात शिशु की देखभाल! (Pics)

punjabkesari.in Tuesday, Aug 16, 2016 - 06:16 PM (IST)

जीवन का पहला साल बच्चे के विकास के लिए बेहद अहम होता है। 9 महीने तक कोख में पालने और असहनीय प्रसव पीड़ा के बाद जब आपकी गोद में बच्चे की किलकारियां गूंजती है तो आपकी खुशी दोगुनी हो जाती है। मगर इस खुशी के साथ आपकी जिम्मेवारियां भी बढ़ जाती है।

 

पहली बार मां बनने के समय आपको यह पता नहीं होता है कि बच्चे की देखभाल कैसे करें। कैसे उसे गोद में लें, कैसे उसे दूध पिलाएं, कैसे उसे नहलाएं। आज हम आपको बताने जा रहें हैं नवजात के देखभाल के सबसे आसान और सुरक्षित तरीके।

 

- शिशु को हाथ लगाने से पहले हमेशा अपने हाथों को धोएं क्योंकि नवजात शिशु का इम्यून सिस्टम इतना मजबूत नहीं होता इसलिए इन्फेक्शन का डर बना रहता है|

 

- मालिश महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। यह शिशु के विकास के लिए आवश्यक है। ध्यान रखे कि मालिश बहुत ही हल्के हाथों से करे क्योंकि शिशु को सिर्फ आपका स्पर्श चाहिए।

 

- चाहे आप डाइपर का इस्तेमाल करे या कपड़े का सफाई सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। डाइपर वाली जगह को साफ रखे। रैशेस हो या न हो डाइपर क्रीम का प्रयोग करे। चाहे जितनी भी बार डाइपर या कपड़ा शिशु खराब करे लेकिन डाइपर वाली जगह को साफ करके ही दूसरा डाइपर या कपड़े का प्रयोग करे।

 

- नहलाते समय जरुरत की सारी वस्तुए जैसे  टॉवल, साबुन, साफ कपड़े, डाइपर आदि अपने पास ही रखे जिससे आपको शिशु को अकेला छोड़ भागना नहीं पड़ेगा।

 

- चाहे आप स्तन पान करवाए या बोतल से दूध पिलाए। नवजात शिशु को हर 2 से 3 घंटे के अंतराल में स्तन पान करवाना आवश्यक है। 

 

- अगर आप बोतल से दूध पिला रही है तो हर 2 से 3 घंटे के अंतराल में दूध पिलाना आवश्यक है। दूध पीते समय जो हवा शिशु के मुंह से अन्दर जाती है वो गैस का कारण बनती है जिससे शिशु बेहद परेशान हो जाता है। इसका हल है दूध पिलाते समय थोड़ी-थोड़ी देर में शिशु को डकार दिलवाए जिससे उसके पेट से गैस बाहर निकल जाएगी।

 

- डकार दिलवाने के भी कुछ तरीके है जैसे शिशु को कांधे पर लेकर उसकी पीठ थप-थपाए या अपनी गोद में उल्टा लेटाकर हलके हाथों से पीठ थप-थपाए या अपनी गोद में सीधा बैठाकर शिशु की पीठ सहलाए।


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