टीबी का इलाज संभव हैं अगर ना बरतेंगे लापरवाही

punjabkesari.in Wednesday, Jan 17, 2018 - 06:02 PM (IST)

टी बी कैसे होता है :  टीबी यानी की क्षयरोग 'मायकोइक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस' नामक बैक्टीरिया से होने वाली ऐसी बीमारी है जो हवा के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। इसका सबसे पहला लक्षण खांसी है। अगर एक हफ्ते से ज्यादा खांसी की समस्या ठीक ना हो तो जांच करवानी जरूरी है।  इसकी शुरुआत आमतौर पर फेफड़ों से होती हैं लेकिन इसके अलावा यह ब्रेन, यूटर्स, मुंह, लिवर, किडनी, गले, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं लेकिन फेफड़ों के अलावा बाकी टीबी फैलने वाली नहीं होती।
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 भारत से तेजी से बढ़ता जानलेवा रोग

टीबी यानि ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis) रोग भारत में बहुत तेजी से अपने पैर पसार रहा है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, टीबी के 28 लाख मामले, इस रोग से 42.3 लाख लोगों की मौत और प्रति 1 लाख लोगों में 211 नए इंफैक्शनों के कारण भारत इस बीमारी को लेकर दुनिया में सबसे बड़ी संख्या वाला देश बन गया है। इनमें MDR-TB  रोगियों की गिनती सबसे ज्यादा है। वहीं ऐसे मामले भी कम नहीं है, जिनमें टीवी की पहचान ही नहीं हो पाई और ना ही इलाज शुरू।



 दूसरों में इंफैक्शन फैलने का खतरा

इस बीमारी के मरीज के साथ आस-पास रहने वाले लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। खांसने व झींकने के जरिए तो यह बैक्टीरिया दूसरे के शरीर में प्रवेश करते हैं लेकिन साथ में बैठे मरीज की सांसों से भी यह इंफैक्शन स्वस्थ व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेता है। 


 इससे होना वाला नुकसान

टीबी बैक्टीरिया शरीर के जिस हिस्से में अटैक करता है, वहां के टिश्यू पूरी तरह से नष्ट कर देता है, जिससे उस अंग का काम धीरे-धीरे प्रभावित होने लगता है। जैसे अगर टीबी फेफड़ों में हैं तो वह धीरे-धीरे बेकार होने लगते हैं। उसी तरह अगर यूट्रस में हैं तो बांझपन,  हड्डी में है तो उसे गला देती, दिमाग में होने पर मरीज को दौरे व लिवर में पेट में पानी भरने जैसी परेशानी आ सकती है।


 टीबी के लक्षण

रोगी को लगातार दो हफ्तों से ज्यादा खांसी रहना और कभी कभार खून आना
सांस लेने में परेशानी
सीने में तेज दर्द
थूक का रंग बदलना
खांसते समय दर्द महसूस 
बुखार
भूख कम लगना
थकान और कमजोरी
रात को पसीना आना
वजन कम होना


टीबी के कारण

छूत रोग होने के कारण परिवार के बाकी लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, खासकर बच्चों को ऐसे रोगी से दूर रखें। शारीरिक रूप से कमजोर, इम्युन सिस्टम कमजोर, कुपोषित भोजन व गंदी जगह पर रहने वाले लोग इस बीमारी का शिकार जल्दी हो जाते हैं। इसके अलावा बच्चे,बूढे,डायबिटीज या पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे लोगो इसकी चपेट में आ जाते हैं। इसकी डॉक्टरी जांच के बाद इलाज शुरू करवाना बहुत जरूरी है। इसका इलाज थोड़ा लंबा चलता है, नजरअंदाज करने पर यह परेशानी का कारण बन सकता है। सरकार की तरफ से भी इसके कई प्रोग्राम भी चलाए जा रहे हैं। 

 कोर्स पूरा करना बहुत जरूरी 

शरीर के जिस हिस्से में टीबी इंफैक्शन हैं वहां के सहीं टेस्ट करवाकर दवा का पूरा कोर्स करना बहुत जरूरी है।  सही अवधि पर तय दवा लेकर इस बीमारी को मात दी जा सकती है। इसके इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों व डॉट्स सेंटरों में इसका फ्री इलाज होता हैं लेकिन जो सबसे जरूरी बात हैं वो यह है कि इसकी दवा को बीच में बिलकुल ना छोड़ा जाएं क्योंकि इससे बैक्टीरिया में दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता अधिक विकसित हो जाती है, जिससे दवा असर नहीं करती।


टीबी मरीज बरतें सावधानी

3 हफ्ते खांसी की तुरंत जांच।
 खुले में ना थूकें।
 बीड़ी सिगरेट, तम्बाकू शराब से दूरी
 खांसते-छींकते मुंह नाक पर नैपकिन रखें।
 डॉक्टर से पूछे बिना दवा बंद न करें।
 पौष्टिक आहार लें।
 हवादार कमरे में रहें और मास्क पहनें।


टीबी की बीमारी से कैसे पाएं सुरक्षा

इम्यून सिस्टम रखें मजबूत
न्यूट्रिशन से भरपूर डाइट लें।
 टीबी मरीज से दूरी रखें।


 मिथ बातें

टीबी ठीक नहीं होगी या वापिस आ जाएगी।
 गरीबों को होती हैं यह बीमारी, फेमस सुपरस्टार अमिताभ बच्चन भी हुए थे शिकार
 प्रैग्नेंट महिलाएं दवा नहीं खा सकती।
 सरकारी दवाएं असरदार नहीं होती।
 टीबी सिर्फ फेफड़ों से जुड़ी होती है। 

 

 

 

- वंदना डालिया 

 


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Content Writer

Anjali Rajput

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