Toran Decoration से करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न

punjabkesari.in Thursday, Oct 19, 2017 - 12:03 PM (IST)

दीवाली हमारे देश के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। देश के हर कोने में यह त्योहार बहुत धूम-धाम और खुशियों के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी जी धरती पर आती हैं और इसी कारण लोग कई दिन पहले अपने घरों, दुकानों और व्यापारिक स्थलों की सफाई करना शुरू कर देते हैं। सफाई के साथ- साथ दीवाली पर डैकोरेशन भी बहुत अहमियत रखती हैं। घरों मेें नए-नए शो पीस फ्लावर पॉट कर्टन, फर्नीचर आदि से सजाया जाता हैं। इसके अलावा दिया-मोमबत्ती और लाइटिंग से पूरे घर को जगमग किया जाता है। डैकोरेशन की शुरुआत घर के मुख्य द्वार पर तोरण लगाकर की जाती है, जिसे लगाना काफी शुभ माना जाता है। तोरण आप दरवाजें व खिड़कियों पर लगा सकते हैं।  

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क्यों लगाया जाता है तोरण
तोरण को बंदनवार भी कहा जाता है। मां लक्ष्मी के स्वागत व उन्हें प्रसन्न करने के लिए दरवाजे पर इसे लगाना शुभ माना जाता है। दीवाली के अलावा शुभ मौकों पर जैसे बच्चे के जन्म, शादी, मेहमानों के स्वागत के लिए दरवाजों व खिड़कियों पर तोरण लगाया जाता है। तोरण कई तरह से बनाए जाते हैं। आम के पत्तों,धान की बालियों और गेंदे को फूलोें से बना तोरण का अलग-अलग महत्व है।

- आम के पत्तों को मुख्य द्वार पर तोरण के रूप में लटकाने से घर में आने वाले हर व्यक्ति के साथ साकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती हैं। इससे सारे काम बिना विघ्न पूरे हो जाते हैं।

- गेंदे के फूल भी आम के पत्तों के साथ लगाना शुभ माना जाता है। पीले रंग के इन फूलों का संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है इसलिए कहा जाता है कि जिस घर के द्वार पर गेंदे का फूल लगाया जाता है उस घर में सुख-समृद्धि आती है। 

- पुराने जमाने में लोग धान की बालियां वाला तोरण लगाते थे। मान्यता है कि घर के दरवाजे पर धान की बालियां लगाने से घर धन-धान्य से भरा होता है और ऐसे घरों में कभी अनाज की कमी नहीं होती। 

आज भी त्योहारों व अन्य खुशी के मौके पर तोरण लगाया जाता है हालांकि अब आम के पत्तों,धान की बालियों और गेंदे के फूलों की जगह पर मोती, कलश,आर्टीफिशियल पत्तों, रंग-बिरंगे फूल व खूबसूरत इम्ब्रायडरी वाले तोरण ने ले ली है जो डैकोरेशन का भी खास हिस्सा है। अगर आप को आम के पत्तो व फूलों से बने तोरण पसंद हैं तो आप घर पर इन्हें खुद भी तैयार कर सकते हैं।
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