अपने नवजात शिशु को जानने के लिए समझें उनके ये इशारें

punjabkesari.in Wednesday, Oct 11, 2017 - 02:03 PM (IST)

जन्म के बाद बच्चें के बोलना सीखने् तक उनका खास ख्याल रखना पड़ता है। ऐसे में छोटे बच्चों को कई बार ऐसी प्रॉब्लम हो जाती है जिसे आप भी समझ नहीं पाती है। छोटे बच्चें बोलकर नहीं बल्कि कुछ हरकतों या रो कर आपको अपनी बातें समझाते है। आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह आप अपने बच्चों की छोटी-छोटी समस्याओं को उनके इशारों या रो कर आपको बताते है।
 

-नवजात शिशुओं में स्वाभिक क्षमता होती है कि वो आपका ध्यान अपनी ओर करने के लिए बार-बार रोते है।

-बच्चे भूख लगने, नैपी गीली होने, थकान, किसी के नापंसद होने या फिर किसी तरह की तकलीफ होने पर भी रोते है।

-अगर बच्चा अचानक नींद से उठकर रोने लग जाएं तो हो सकता है उसे गर्मी लग रहीं हो। ऐसे में उनकी गर्दन के नीचे हाथ लगा कर देखें। कई बार बच्चे नैपी गीली हो जाने के कारण भी अचानक नींद से उठ जाते है लेकिन इस इशारे को तो आप आराम से पहचान जाती है।

-नैपी गीली करने के कारण कई बार बच्चों के रैशेज हो जाते है ऐसे में वो बार-बार नैपी गीली करते रहते है। इसके लिए आप बच्चों के कॉटन वूल और बैरियर क्रीम लगा दें। इससे बच्चा आराम से सो जाएगा।

-मालिश के दौरान अगर बच्चे के ज्यादा हाथ पैर चलाने का मतलब है कि उसे मालिश के दौरान कोई तकलीफ हो रही है। अगर बच्चा शांति से मालिश करना रहा तो उसे मालिश में मजा आ रहा है।

-नहलाते समय बच्चे की आंख में साबुन जाने पर वो तेजी से रोना शुरु कर देते है। इसके अलावा बच्चे को नहलाते समय हमेशा गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें।


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