इन बातों को न करें ignore, नहीं तो बच्चा हो जाएंगा चिड़चिड़ा

punjabkesari.in Tuesday, Mar 21, 2017 - 06:29 PM (IST)

पेरेंटिंग : जब कोई शिशु जन्म लेता है तो उसकी खास केयर करनी पड़ती है। अगर पेरेंट्स बच्चे के जन्म से ही उसे व्यवहार और संस्कारों की जानकारी देना शुरू कर देते है। इसके लिे उन्हे बड़े बुजुर्गों का साथ बहुत जरूरी है। बच्चे के शुरूआती पहले वर्ष में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास की प्रक्रिया तेजी से होने लगती है। बच्चों जो कुछ इस वर्ष में देखता,सुनता और समझता है , उसका असर सारी जिंदगी रहता है। कई बार बच्चों के ग़लत व्यवहार के कारण पेरेंट्स परेशान हो जाते है। पेरेंट्स अक्सर अपने बच्चों की कुछ आदतों को नजरअंदाज कर देते है, जिस वजह से बच्चे चिड़चिड़े, क्रोधित हो जाते है। आज हम आपको इन्हीं बातों के बारे में बताएंगे। 


1. बच्चे का रोना

जरूरी नहीं है कि बच्चा भूख के कारण रो रहा हो। इसका यह भी मतलब हो सकता है कि वह आपसे कुछ और मांगने की कोशिश कर रहा हो। जब पेरेंट्स बच्चे के रोने का कारम नहीं पता कर पाते तो वह चिड़चिड़े हो जाता है। 

2. थकान

कुछ पेरेंट्स बच्चे के स्कूल से आने के बाद या तो होमवर्क करने या फिर खेलने के लिए भेज देते है, लेकिन जरूरी नहीं कि वह यही चाहता हो। बच्चे को थकान के कारण थोड़ी रेस्ट की जरूर होती है। इसलिए उसे अपना मर्जी से कुछ भी करने दे। 

3. निराशा

दुखी और निराश होने के कारण भी बच्चे का व्यवहार बदल जाता है जैसे सिर में दर्द, मानसिक डर, पैरेंट्स का किया हुआ वादा तोड़ना पर बच्चा दुखी और निराश हो सकता है। इसलिए उसी खास केयर करें।  

4. उपेक्षा

जब आप अपने बच्चे को प्रोपर टाइम नहीं दे पाते है तो बच्चा उपेक्षित महसूस करता है। बच्चे हर समय माता-पिता का ध्यान ख़ुद पर चाहते हैं। अगर ऐसा न हो तो निगेटिव व्यवहार करने लगते है।

5. ध्यान हटाएं

बच्चे अक्सर खिलौनो को देखकर उसे पाने की जिद करते है। ऐसे में अगर आप उसको कोई चीज लेकर नहीं दो पा रहे तो बच्चे का ध्यान हटाने की कोशिश करें। उसे दूसरी मज़ेदार वस्तु के प्रति आकर्षित करें। 


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