भारत की सफल राजनेत्रियों की सूची में शामिल 5 ताकतवर महिलाएं

punjabkesari.in Tuesday, Mar 06, 2018 - 02:23 PM (IST)

समाज का निर्माण करने में जितना योगदान पुरुषों का है, उतना ही महत्वपूर्ण स्थान महिलाओं का भी रहा है। राजनीति हो या बैकिंग, लगभग हर क्षेत्र में वह अपनी अलग पहचान बनाए हुए हैं। आज शायद ही ऐसा कोई क्षेत्र हो जिसमें महिलाओं की हिस्सेदारी ना हो।

चलिए, वुमेन डे सैलिब्रेशन के खास मौके पर आज हम आपको उन महिलाओं के बारे में बताते हैं, जिन्होंने राजनीति के सफल करियर से दुनिया में एक मिसाल कायम की।

1. भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री- इंदिरा गांधी
भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनने का गौरव इंदिरा गांधी को प्राप्त है। उन्होंने दो बार प्रधानमंत्री का सम्मानीय पद संभाला। प्रथम बार 24 जनवरी 1966 को और 10 वर्ष लगातार सेवा देने के बाद उन्होने 24 मार्च 1977 को पदत्याग किया। इसके बाद 14 जनवरी 1980 को फिर से प्रधानमंत्री बनी तथा 31 अक्तूबर 1984 (मृत्यु) तक इस पद पर आसीन रहीं। इसके अलावा उन्होंने विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, ग्रह मंत्री, वित्त मंत्री आदि पद की सेवाएं भी दी। (सभी पद प्रधानमंत्री कार्यकाल के अंतर्गत आए) उनकी बेमिसाब प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए 'लौह-महिला' के नाम से संबोधित किया जाता है।

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2. सोनिया गांधी
सोनिया गांधी, गांधी परिवार की बहू हैं जिन्होंने 1997 में कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी संभाली, उस समय कांग्रेस बिखरी हुई थी। 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस को एक करने का प्रयास किया हालांकि उन चुनावों में कांग्रेस को सत्ता नहीं मिली लेकिन सोनिया गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर चुनी गईं, लेकिन आने वाले चुनावों के लिए सोनिया ने कांग्रेस को जोड़ा और कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के लिए जनसमर्थन हासिल किया। 2004 और 2009 के लोकसभा चुनावों में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की और केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व में संप्रग की सरकार बनी। सोनिया गांधी 1997 से आज तक कांग्रेस अध्यक्ष हैं। यह कांग्रेस पार्टी के 125 सालों के इतिहास में पहला मौका है, जबकि कोई इतने लंबे समय तक अध्यक्ष पद पर बना रहा।

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3. सुषमा स्वराज
सुष्मा स्वराज ने आपातकाल के बाद दो बार हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीता और चौधरी देवी लाल की सरकार में से 1977 से 79 के बीच राज्य की श्रम मंत्री रह कर 25 साल की उम्र में कैबिनेट मन्त्री बनने का रिकार्ड बनाया था। उन्हें भारत की महिला विदेश मंत्री होने का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ।
 

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4. मायावती
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष हैं। उन्हें भारत की सबसे युवा महिला मुख्यमंत्री के साथ-साथ सबसे प्रथम दलित मुख्यमंत्री होना का श्रेय भी प्राप्त है। सत्ता में आने वाली कठिनाइयों का सामना करते हुए वह 4 बार  उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं। एक स्कूल शिक्षिका के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाली मायावती ने कांशी राम की विचारधारा और कर्मठता से प्रभावित होकर राजनीति में पैर रखा। उनका राजनैतिक इतिहास काफी सफल रहा और 2003 में उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव हारने के बावजूद उन्होने सन 2007 में फिर से सत्ता में वापसी की। अपने समर्थको में बहन जी के नाम से मशहूर मायावती 13 मई 2007 को चौथी बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमन्त्री बनीं।

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5. ममता बनर्जी
1970 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कर ममता बनर्जी कांग्रेस पार्टी की कार्यकर्ता बनीं। 1976 से 1980 तक वे महिला कांग्रेस की महासचिव रहीं। 1984 में ममता ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता सोमनाथ चटर्जी को जादवपुर लोकसभा सीट से हराया। देश की सबसे युवा सांसद बनने का गौरव भी उन्हें ही प्राप्त हुआ। उन्हें अखिल भारतीय युवा कांग्रेस का महासचिव बनाया गया। मगर 1989 में कांग्रेस विरोधी लहर के कारण जादवपुर लोकसभा सीट पर ममता को मालिनी भट्टाचार्य के खिलाफ हार भी देखनी पड़ी लेकिन 1991 का चुनाव उन्होंने कोलकत्ता दक्षिण संसदीय सीट से लड़ा और जीता भी। ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री का पद भी संभाल चुकी है। 

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वे केन्द्र में कोयला, मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री, युवा मामलों और खेल तथा महिला व बाल विकास की राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं।  टाइम पत्रिका ने वर्ष 2012 में उन्हें विश्व के 100 प्रभावी लोगों की सूची में स्थान दिया था।

 

 


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