जानिए क्यों खास होते हैं भारतीय शादी में विदाई के इमोशनल पल?

punjabkesari.in Wednesday, Jun 06, 2018 - 10:35 AM (IST)

शादी में वर और वधु पक्ष की तरफ से कई प्रकार की रस्में निभाई जाती है। इनमें से एक रस्म दुल्हन की विदाई की भी होती हैं। वैसे तो शादी की सभी रस्में खास होती है लेकिन विदाई का पल दुल्हन और उसके परिवार के लिए बहुत इमोशनल होता है। यह वो समय होता है जब लड़की अपने मायके को छोड़कर ससुराल जाती है और यही पल हर किसी के लिए अनमोल होता है। आज हम आपको इस इमोशनल पल और रस्म के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं।
 

1. पापा की राजकुमारी
वैसे तो इस पल को लेकर लड़की के माता-पिता दोनों ही इमोशनल होते हैं लेकिन सबसे ज्यादा आंसू एक पिता की आंखों में ही आते हैं। इन इमोशनल पलों के दौरान यह बहुत जरूरी है कि उसका दूल्हा, दुल्हन के माता-पिता को यह वचन दें कि वह न सिर्फ उसका साथ देगा बल्कि पिता की ही तरह उसका ख्याल भी रखेगा।

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2. दुल्हन का अपने पीछे चावल फेंकना
चावल फेंकने का एक कारण यह माना जाता है कि इससे नव-विवाहित जोड़े को संतान सुख की प्राप्ति हाेती है और उनका भाग्य हमेशा उनका साथ देता है। विदाई की रस्में यह भी दर्शाती हैं कि दुल्हन अपने माता-पिता को उनके पालन-पोषण की याद दिलाती है। जैसे ही दुल्हन अपने हाथ में चावल लेकर अपने पीछे की ओर फेंकती है, उसके माता-पिता और अन्य करीबी परिवार के सदस्य इसे अपने पल्लू में ले लेते हैं।

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3. पिता का आशीर्वाद
विदाई के इस इमोशनल पर हर माता-पिता दूल्ह-दुल्हन को यह आर्शीवाद देते हैं कि वह हमेशा खुश रहे और उनकी बेटी को कोई तकलीफ न हो।

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4. भाई की लाडली
माता-पिता के साथ भाई भी दूल्हे का हाथ पकड़कर उसे अपनी बहन का ख्याल रखने के लिए कहता है। इसके बाद वह बहन को विदा करने के लिए एक रस्म निभाता है। जब दुल्हन अपने पति के साथ कार में बैठकर विदा होती है तो भाई कार को धक्का देकर उसे विदा करता हैं।

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5. नए जीवन की शुरुआत
भारतीय विवाह उन रस्मों से भरे हुए हैं, जो सुदंर होने के साथ महत्वपूर्ण और भावनात्मक भी हैं। शादी की सभी रस्मों के बाद दूल्हा-दुल्हन अपने नए और खुशहाल जीवन की शुरूआत करते हैं।

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