अगर आप भी इस पर्सनल प्रॉबल्म की शिकार है तो ऐसे करें इलाज!

punjabkesari.in Thursday, Mar 23, 2017 - 05:05 PM (IST)

पेरेंटिंग: आमतौर पर ज्यादातर महिलाओं को व्हाइट डिस्‍चार्ज यानी सफेद पानी पड़ने की समस्या रहती है। ऐसे स्थिति में महिला के प्राइवेट पार्ट से सफेद रंग के लिक्विड का स्त्राव होता है। सामानय स्त्राव और व्हाइट डिस्‍चार्ज में काफी अंतर होता है। वैसे तो यह समस्या शादीशुदा औरतों में ज्यादा देखने को मिलती है, लेकिन कुछ अनमैरिड लड़कियों को भी इस समस्या से गुजरना पड़ता हैं। इसके लिए महिला का शरीर स्वस्थ और ताकतवर होना चाहिए लेकिन कई बार यह कुछ हेल्थ प्रॉबल्म के संकेत भी देता है। इन बात पर अक्सर महिलाओं का कोई ध्यान नहीं या वह शर्म के मारे डॉक्टर से इसके बारे में खुलकर बात नहीं करती। जरूरी है कि व्हाइट डिस्‍चार्ज के बारे में महिलाओं को सभी जरूरी बाते पता होने चाहिए।  

 

- इसके रंग पर खास ध्यान रखें

व्हाइट डिस्चार्ज का रंग मिल्की व्हाइट है और उसमें किसी तरह की गंध नहीं आती तो टीक है लेकिन अगर व्हाइट डिस्चार्ज का रंग हल्का मटमैला हो और उसमें गंध आने लगे तो यह कोई प्रॉबल्म हो सकती है। अगर वहीं, डिस्चार्ज हरे, पिंक या ब्राउन रंग में हो तो सतर्क हो जाएं क्योंकि ये किसी संक्रमण की निशानी हो सकती हैं, जो  बैक्टीरिया, यीस्ट या एसिडिटी का संकेत है। 

- गर्भावस्था में डिस्चार्ज

गर्भावस्था के दौरान बहुत ज्यादा डिस्चार्ज होता है लेकिन यह चिंता की बात नहीं होती क्योंकि ऐसा वजाइना में ज्यादा म्यूकस बनने से होता है, जिससे कर्विक्स साफ कर मॉयस्ट स्वस्थ रहता है। ब्रैस्टफीडिंग के दौरान भी डिस्चार्ज ज्यादा होता है।  

 - क्यों जरूरी है डिस्चार्ज

व्हाइड डिस्चार्ज महिलाओं के लिए जरूरी है क्योंकि इससे वजाइना मॉयस्ट रहता है, जिस वजह से संबंध बनाने समय दर्द और खींचाव जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।  सभी महिला को अलग-अलग समय पर डिस्चार्ज होता है। अगर किसी टाइम ज्यादा मात्रा में डिस्चार्ज हो तो वजाइना हाइजीन की तरफ ध्यान दें और खुद को स्वस्थ रखें। 

- ल्यूकोरिया के कारण 

- पोषक आहार में कमी
- गर्भाशय में कोई चोट लगना
- यूरीनरी ट्रैक्स इंफैक्शन 
- बैक्टीरिया या कोई फंगल इंफैक्शन 
- डायबिटीज या एनीमिया 

- इससे बचने के तरीके

इससे बचने के लिए खूब पानी का सेवन करें और अच्छा क्वालिटी के फैमनिन वॉश से जेनेटिल एरिया का रोजाना सफाई करें। ज्यादा मसाले दार चीजों को खाने से बचें। व्हाइट शुगर से बनी चीजों के सेवन से बचें। इसके अलावा मैदे से बनी चीजों से दूरी बनाएं रखें। 

घरेलू इलाज 

- 2-3 चम्मच पिसा हुए आंवले को शहद में मिलाकर रोज खाएं। इससे ल्यूकोरिया का स्त्राव कम होगा। 
- केला खाकर उसके ऊपर से दूध में शहद मिलाकर पीएं। इसको तीन माह लगातार लें । इससे कमजोरी दूर होगी और व्हाइट डिस्चार्ज से राहत मिलगी। 
- दो केले मैश करके, उसमें शहद मिलाकर खाएं। इससे भी प्रॉबल्म कम होगी। 
- खाने में टमाटर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा आप कच्चे टमाटर का भी सेवन कर सकते है। 
-  फासला को जितना खा सकते है खाएं। हो सकें तो इसका जूस बनाकर पीएं। 
- सिंघाड़े का आटा और हलवा खाएं। 
-  अनार को पत्तों को काली मिर्च के साथ मिलाकर पीस लें। इसमें आधा गिलास पानी डाले और सुबह-शाम पीएं। 

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Punjab Kesari

Recommended News

Related News

static