बच्चे का डायपर बदलते समय रखें इन बातों का ख्याल

punjabkesari.in Friday, Jun 23, 2017 - 10:52 AM (IST)

पंजाब केसरी (पेरेंटिंग) : बदलते लाइफस्टाइल में डायपर्स के प्रयोग से बच्चे को आराम मिलता है। इससे बच्चे के कपड़े बार-बार गीले होने पर बदलने नहीं पड़ते और कहीं बाहर जाना हो तो बच्चों के पेशाब कर देने पर पेरैंटस को शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़ता। बच्चे का डायपर समय पर न बदला जाए तो यूरिनरी इंफेक्शन हो सकता है। एेसे में अगर इसके इस्तेमाल में थोडी सावधानी बरती जाए तो होने वाली कई समस्याओं से बचा जा सकता है।


लक्षण
बच्चों का चिडचिडा होना
उल्टी होना
बुखार आना
यूरिन में जलन होना

बचाव 

1.डायपर्स में नमी सोखने की शक्ति होती है जो कपड़ों में कम होती है । इसलिए यदि इसे बच्चे को एक बार पहना दिया जाए तो 4 या 5 बार पेशाब करने के बाद ही डायपर बदला जाता है लेकिन गीले डायपर से बच्चे को कई प्रकार की त्वचा की बीमारियां हो जाती हैं क्योंकि पेशाब में यूरिया, एसिड एवं अमोनिया आदि होते हैं जो त्वचा में खुजली पैदा करते हैं। 

2. यदि उसने 2-3 घंटों के बाद पेशाब किया हो तो डायपर जल्दी गीला हो जाता है  और इसे जल्दी बदलना जरूरी हो जाता है । 

3. यदि रात में उसे डायपर पहना कर सुलाया हो तो हर दो घंटे बाद देखना चाहिए कि डायपर कितना गीला है ।

4. डायपर की ऊपर की परत हमेशा सूखी रहनी चाहिए क्योंकि उसके बाद ही खुजली, सूजन या त्वचा लाल हो जाती है । हल्का लाल होने पर इमोजिएंट क्रीम लगाने से त्वचा मुलायम हो जाती है और लाली भी कम हो जाती है ।
 


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