प्रैग्नेंसी की लास्ट स्टेज में आते हैं कई बदलाव, रखें पूरा ख्याल

punjabkesari.in Monday, Sep 25, 2017 - 04:33 PM (IST)

प्रैग्नेंसी औरत की जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा है। इस समय औरत को कई तरह की तकलीफों से गुजरना पड़ता है लेकिन बच्चे के आने की खुशी में वह हर तरह का दुख भूल जाती है। इस समय हार्मोंस में बदलाव आने से गर्भावस्था का पहला और अंतिम चरण बहुत खास होता है। इसमें सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है ताकि मां और बच्चे दोनों की हैल्थ अच्छी रहे। गर्भावस्था के आखिरी चरण में कुछ बातों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी है। 


प्रैग्नेंसी का आखिरी चरण 
- प्रैग्नेंसी के अंतिम चरण यानि डिलीवरी के कुछ समय पहले शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। 

- ऐसा माना जाता है कि एक सप्ताह पहले ही इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

- गर्भावस्था में डॉक्टर महिला की शारीरिक स्थिति के हिसाब से व्यायाम करने की सलाह भी देते हैं ताकि डिलीवरी के समय परेशानी न हो। 

- डॉक्टर की दी गई तारीख से एक हफ्ता पहले फॉल्स पेन होना सामान्य है। पेन न होने से ऑप्रेशन करने की सलाह भी दी जा सकती है। 

- इस समय बच्चे का साइज बढ़ने से बच्चे को मूव करने में परेशानी होने लगती है। 

- अंतिम चरण में बच्चे का भार बढ़ने से मां को कब्ज,ब्रैस्ट पर सूजन,यूरिन पास करने में परेशानी,सीने में जलन भी होने लगती है। 

- इस समय मां का वजन बढ़ना आम बात है। 

- रात को नींद न आना,शरीर के कुछ हिस्सों में कसाव महसूस होना।

- हाथों,पैरों में सूजन,शरीर के निचले हिस्से में खुजली होना गर्भावस्था के आखिरी चरण की निशानी है। 
 

सावधानियां बरतनी भी जरूरी
- इस समय तनाव से खुद को दूर रखें। तनाव मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए नुकसानदायक है। 

- समय-समय पर डॉक्टरी जांच जरूर करवाएं। 

- किसी तरह की कोई ब्लीडिंग हो तो उसी समय डॉक्टर के पास जाएं। 

- पहले से ही एक बैग में मां और होने वाले बच्चे का जरूरी सामान डाल कर रखें। इससे जल्दबाजी में सामान आसानी से उठा सकेंगे। 


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