खर्राटों की समस्या को कहें अलविदा

punjabkesari.in Saturday, Jun 20, 2015 - 01:57 PM (IST)

नींद के दौरान आवाज के साथ सांस लेना खर्राटे लेने की समस्या है । यह एक आम समस्या है जो हर किसी को हो जाती है चाहे वह किसी भी उम्र का हो । बढ़ती उम्र के साथ खर्राटों की समस्या और गंभीर हो जाती है । वजन कम करने से इस समस्या से  मुक्ति मिल सकती है । आइए जानते हैं खर्राटों से बचने के कुछ अन्य उपायों के बारे में : 

शराब से परहेज : सोने से पहले शराब और अन्य नशीली चीजों के सेवन से बचना चाहिए । ऐसे पदार्थ गले में मांसपेशियों को धीमा कर देते हैं और सांस लेने में अड़चन पैदा करते हैं । 

नियमित कसरत : कसरत करने के तो कई फायदे हैं । नियमित कसरत से आप खर्राटों की समस्या से निजात पा सकते हैं । साथ ही निर्धारित समय पर सोने की आदत डालें ।

सिगरेट छोड़ें : सिगरेट पीना अच्छी आदत नहीं है । वास्तव में सिगरेट भी खर्राटों का कारण हो सकती है । सिगरेट का धुआं श्वास नली और फेफड़ों में अवरोध पैदा करता है जिस कारण यह समस्या पैदा होती है ।

सोने से पहले रखें ध्यान : भारी भोजन और कैफीन उत्पादों का सेवन किसी भी स्थिति में खाने से दो घंटे पहले नहीं करना चाहिए। इसके अतिरिक्त सोने से पहले दुग्ध उत्पादों या दूध का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

सोने का तरीका : सोने के तरीके में बदलाव लाकर भी खर्राटों पर काबू पाया जा सकता है । सीधे सोने की बजाय करवट लेकर सोएं । इससे जीभ हवा को रोकती नहीं और इस वजह से होने वाले खर्राटे बंद हो जाते हैं । ऐसे तकिए भी मिलते हैं जो गर्दन की मांसपेशियों को मुडऩे से बचाते हैं । इससे खर्राटे कम हो सकते हैं ।

बैडरूम का वातावरण : सूखी हवा गले और नाक की झिल्ली में जलन पैदा करती है, जो खर्राटों का कारण बनती है । इसलिए कमरे की हवा में नमी होनी चाहिए । इसके लिए आप एक खुले बर्तन में पानी भर कर भी रख सकते हैं ।

स्लीप एप्निया : यदि खर्राटों का वक्त पर इलाज न किया जाए तो यह स्लीप एप्निया नामक बीमारी बन सकती है । इसमें सोते समय सांस कुछ सैकंड के लिए रुक जाती है । ऐसे में तीखी आवाज के साथ सांस आती है, यह समस्या ‘स्लीप एप्निया’ कहलाती है । इसे समय रहते नियंत्रित करना बहुत जरूरी है । 


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