Dieting में पोषक तत्वों की कमी से हो सकता हैं टी.बी. का खतरा

punjabkesari.in Thursday, Jan 18, 2018 - 03:38 PM (IST)

टी बी के उपाय : यदि आप वजन कम करने के लिए कठोर रूटीन का पालन कर रही हैं तो इस बात को सुनिश्चित बनाएं कि आपकी डाइट में पोषक तत्व, विटामिन्स तथा मिनरल्स भरपूर मात्रा में हों ताकि आपको टी.बी. (ट्यूबरकुलोसिस) होने का खतरा न हो । डाक्टरों को इस बात के काफी परिणाम मिले हैं कि जो युवतियां अधिक डाइटिंग करती हैं, उनमें पोषक तत्वों के अभाव में टी.बी. होने का खतरा अधिक होता है । इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में सीनियर कंसल्टैंट डा. राजेश चावला के अनुसार भारत में अधिकतर लोग अधिक जनसंख्या के चलते टी.बी. का शिकार होते हैं क्योंकि किसी संक्रमित व्यक्ति से उन्हें संक्रमण का खतरा अधिक होता है ।

टी.बी. बहुत अधिक फैलती है क्योंकि यह माइको बैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस या माइको बैक्टीरिया के विभिन्न प्रभावों के कारण पैदा होने वाला संक्रामक रोग है । यह बैक्टीरिया आमतौर पर फेफड़ों पर हमला करता है परन्तु यह शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है । जब इससे संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो यह हवा द्वारा फैलता है । अधिक चिंता की बात यह है कि अधिकतर संक्रमणों के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते और इस स्थिति को लेटैंट ट्यूबर ‘कुलोसिस’ (छुपी हुई टी.बी.) कहते हैं ।

लेटैंट इन्फैक्शंस के 10 में से 1 मामला सक्रिय रोग में विकसित हो जाता है जिसके चलते संक्रमित लोगों में से 50 प्रतिशत रोगी मृत्यु का शिकार हो जाते हैं । विशेषज्ञों का कहना है कि जो युवतियां क्रैश डाइट पर होती हैं, वे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर लेती हैं । कई बार तो जो लड़कियां वजन कम करने की प्रक्रिया में होती हैं वह गलती से यह सोच लेती हैं कि भूख तथा वजन का कम होना उनके डाइट प्लान का परिणाम है और इस तरह उनके रोग की जांच नहीं हो पाती । मैक्स सुपर स्पैशिएलिटी हास्पिटल में रैस्पीरेटरी मैडीसिन डिपार्टमैंट में ब्रोंकोलॉजी के हैड डा. नवीन किशोर कहते हैं, जो लड़कियां वजन कम करने का प्रयास कर रही हैं, उनमें तथा टी.बी. रोग में एक सह-संबंध है । यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि प्रोटीन से भरपूर डाइट का सेवन किया जाए । युवतियां, विशेषकर वे जिनकी शादी होने वाली है, क्रैश डाइटज का अनुसरण करती हैं जो शरीर में टी.बी. को पुन: सक्रिय करती है ।वह आगे बताते हैं-यहां तक कि तनावग्रस्त छात्रों में भी टी.बी. के पुन: सक्रिय हो जाने का खतरा रहता है।  शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने वाली बैलेंस्ड डाइट के सेवन से इस रोग को आसानी से रोका जा सकता है ।

डाक्टरों का कहना है कि  टी.बी. अब सिर्फ निर्धन लोगों की बीमारी नहीं रह गई है । कई अस्पतालों में ऐसे टी.बी. के मरीज देखे जा रहे हैं जो उच्च आमदनी वाली श्रेणी से संबंध रखते हैं । बी.एल.के. सुपर स्पैशएलिटी हास्पिटल नई दिल्ली में रैस्पीरेटरी, एलर्जी एंड स्लीप डिस्ऑर्डर के सीनियर कंसल्टैंट डा. विकास मौर्या कहते हैं-उच्च आमदनी वाली श्रेणी के लोगों में टी.बी. के बढ़ रहे मामले देखने में आ रहे हैं । ऐसे में मुख्य बात है कि विटामिन्स तथा मिनरल्स से भरपूर उचित डाइट का सेवन किया जाए । यह एक भ्रांति ही है कि अमीर लोगों को टी.बी. नहीं होती ।

टी.बी. के लक्षण
 आम खांसी जिसमें बलगम के निर्माण में वृद्धि होती जाती है और बलगम में खून आने लगता है ।
 बुखार
 भूख की कमी
 वजन कम होना
 रात के समय पसीना आना

टीबी के लिए सुरक्षा मापदंड


 वजन कम करने के लिए स्वस्थ डाइट का चुनाव करें ।


 क्रैश डाइट्स व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है जिससे उनमें टी.बी. होने का खतरा बढ़ जाता है ।


 टी.बी. उपचार योग्य है इसलिए डाक्टर को मिलने से घबराएं नहीं ।


 यदि आपको टी.बी. है तो उपचार लगातार चलने दें । दवा का सेवन बीच में कभी न छोड़ें ।


 जिन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो उन्हें भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचना चाहिए ताकि उन्हें टी.बी. का संक्रमण न हो ।


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