कहीं Pollution तो नहीं कर रहा बच्चे का वजन कम?

punjabkesari.in Wednesday, Mar 22, 2017 - 04:45 PM (IST)

पेरेंटिंग: बढ़़ती जनसंख्या के कारण आज जगह-जगह पर बड़े कारखाने खुल रहे है, ताकि लोगों के रोजगार मिल सकें। जहां यह कारखाने लोगों रोजगार दे रहे है, वहीं इन से निकलने वाला विषैला धुआ सौगात में हमे कई सारी बीमारियां दे रहा है। इन फैक्टरियों से निक वाला धुआ हमारी सांसो के जरिए शरीर में जाता है, जिससे लोग कई तरह की गंभीर परेशानियों का शिकार हो जाते है।  


हाल में हुए एक शोध में बात सामने आई है कि बढ़ते वायु प्रदुषण का असर अब गर्भ में पल रहे भ्रुण पर भी हो रहा है। जहरीली और धूलभरी हवा का प्रतिकूल प्रभाव पेट में पल रहे नवजात पर हो रहा है। इसी वजह से बच्चे  अस्वस्थ पैदा हो रहे है। इतना ही नहीं, प्रदूषण के कारण पैदा होने वाले का वजन घट जाता है। साथ ही बच्चा समय से पहले भी हो सकता है। 


ऐसा माना जा रहा है कि भारत में समय से पहले और कम वजन के बच्चे पैदा होने का कारण प्रदुषण है। 2010 में प्रदुषण के कारण भारत में कम से कम 10 लाख शिशुओं का जन्म समय से पहले हुआ है। यह संख्या विश्व में सबसे अधिक और चीन से दोगुनी है। बच्चे का स्वास्थ्य इस बात पर निर्भर करता है कि प्रैग्नेंट लैडी के आसपास का वातावरण कैसा है। 


समय से पहले पैदा होने वाले नवजात में शारीरिक और तंत्रिका संबंधी विकलांगता का खतरा बढ़ जाता है। इतना ही नहीं, ये बच्चे की मृत्यु का कारण भी बन सकता है।  वायु प्रदुषण में कंट्रोल करके इन सब मामलों में कमी लाई जा सकती है।


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