डेनमार्क का खूनी त्यौहार, समुद्र का रंग हो जाता है लाल

punjabkesari.in Monday, Aug 21, 2017 - 11:50 AM (IST)

त्योहार व्यक्ति की जिंदगी का अहम हिस्सा है। यहीं पल होता है जब सभी रिश्तेदार एक-दूसरे के साथ संपर्क बनाने है और अपनी खुशियों को जाहिर करते है। जहां त्योहारों को खुशहाली का प्रतीक माना जाता है, वहां दुनिया में कुछ ऐसे  त्योहार जिनके बारे में सुनकर इंसान अक्सर हैरत में पड़ जाता है। ऐसा ही एक क्रूर त्योहार डेनमार्क में हर साल मनाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस त्योहार में काफी बड़े पैमाने समुद्र का रंग लाल हो जाता है। क्या आप जानना चाहेगी कि ऐसा क्यो?

 

खूनी त्योहार से होता है समुद्र लाल

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डेनमार्क के फैरो द्वीप में हर साल एक खूनी त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार कुछ नहीं बल्कि सैकड़ों सालों मनाया जा रहा है। त्योहार गर्मियों में 19 या 20 जून को हर साल होता है। पहले व्हेल को मारते हैं और फिर स्थानीय लोग इनके मांस को खाते हैं। दरअसल, इस क्रूर त्योहार में बड़े पैमाने पर व्हेल मछलियों की हथियारों से जान ले ली जाती है। इस दिन डेनमार्क की सरकार भी इस त्योहार के लिए अपने नियम कायदे एक दिन के लिए शिथिल कर देती है। फैरो द्वीप के निवासी समुद्र में उतरते है और सैकड़ों व्हेल मछलियों पर धारदार हथियारों से वार करते हैं। 

 

त्योहार का नाम है ग्रिंड़ाडॉप
इस त्योहार को स्तानीय लोग ग्रिंडा डॉप का नाम देते है। जब छोटे और मझोले आकार की प्रवासी व्हेल्स समुद्र के आसपास होती हैं तो मछुआरे अपनी नौकाओं से  उन्हे घेरकर तट तक लाते हैं। इसके बाद लोग उन्हें तट के किनारे रेट तक खिंचते है और धारदार हथियारों से उन्हें काट देते है, जिससे उनकी जान चली जाती है।   


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