पुरुष भी हो सकते हैं ब्रेस्ट कैंसर का शिकार, पढ़िए इस शख्स की आपबीती

punjabkesari.in Tuesday, Oct 31, 2017 - 03:54 PM (IST)

ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी ज्यादातर महिलाअाें में देखने काे मिलती है। वहीं, पुरुषाें में इसकी संभावना महज 2 प्रतिशत होती है। दिल्ली के द्धारका में रहने वाले 45 साल के संजय गोयल काे जब पता चला कि वह ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रहे हैं, ताे उनके पैराें तले जमीन खिसक गई। बचपन से उनका दाहिना स्तन सामान्य से थोड़ा बड़ा था। संजय मानते थे कि समय के साथ-साथ ये ठीक हो जाएगा। उनकी इसी लापरवाही के कारण वह इस गंभीर बीमारी का शिकार हाे गए। 

24 साल की उम्र में उनके दाहिने स्तन से द्रव निकलना शुरू हुआ और 30 साल की उम्र होते-होते गांठ निकल आई। जब इससे खून आने लगा ताे उन्होंने डॉक्टर से इस बारे में संपर्क किया। उस समय डॉक्टर ने भी उनकी समस्या को गंभीरता से न लेते हुए गोयल को एंटीबायोटिक्स दे दी। इससे उनका दर्द कुछ समय के लिए खत्म हाे गया, परंतु एक साल बाद यही समस्या फिर उभर आई। 

इसके बाद 2010 में गोयल ने अपना डॉक्टर बदल कर फ़ैमिली फ्रेंड और सर्जन से संपर्क किया। उन्होंने संजय को Fine needle aspiration cytology (FNAC) नाम का स्पेशल टेस्ट कराने की सलाह दी। इस टेस्ट के बाद यह कंर्फ्म हाे गया कि गाेयल ब्रेस्ट कैंसर की सैकेंड स्टैज से गुजर रहे हैं। उन्हें समझ नहीं अा रहा था कि एक हैल्दी लाइफ़स्टायल अपनाने के बावजूद उन्हें ये बीमारी कैसे हाे गई। कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी कराने के बाद गोयल को हॉर्मोन थेरेपी भी दी गई, जो अब तक जारी है। 

गाेयल के मुताबिक, वह इस बात का जीता जागता उदाहरण हैं कि कैंसर हाेने के बावजूद लाइफ काे जिया जा सकता है। वह अब कई ऐसी चीज़ें करते हैं, जिन्हें करने के बारे में वह पहले सोच भी नहीं सकते थे। गाेयल की तरह ही अगर कोई पुरुष Gynecomastia या ब्रेस्ट के बड़े होने से पीड़ित है, तो उसे फ़ौरन गांठ या ब्लीडिंग की जांच करानी चाहिए। ये कैंसर के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं। एेसे मामलाें में किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा हाे सकती है। 
 


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