70 की उम्र में भी छक्के छुड़ा दें मार्शल आर्ट गुरु मीनाक्षी अम्मा

punjabkesari.in Monday, Mar 20, 2017 - 02:00 PM (IST)

लाइफस्टाइल : आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ- साथ हर किसी का शरीर पहले से कम काम करना शुरू कर देता है। लेकिन आज हम आपको एक एेसी महिला के बारे में बताएंगें जिन्होंने उम्र को कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। आमतौर पर जिस उम्र को महिलाएं अपनी जिंदगी की सांझ मानकर हताश होकर बैठ जाती हैं, उस उम्र में भी यह महिला मार्शल आर्ट का रूटीन में झांसी की रानी जैसे अभ्यास करती है।


1. भारत के केरल की करीब 70 वर्षीय मीनाक्षी अम्मा आज भी मार्शल आर्ट कलारीपयट्ट का रोज अभ्यास करती हैं और वह इस उम्र में भी अपनी से आधी उम्र के मार्शल आर्ट योद्धाओं के छक्के छुड़ाने का दम रखती हैं।


2. कलारीपयट्ट तलवारबाजी और लाठियों से खेला जाने वाला केरल का एक प्राचीन मार्शल आर्ट है।


3. उनका कहना है कि आज के दौर में जब लड़कियों के देर रात घर से बाहर निकलने को सुरक्षित नहीं समझा जाता और इस पर सौ सवाल खड़े किए जाते हैं तो एेसे में मार्शल आर्ट से लड़कियों में आत्मविश्वास पैदा होता है। 


4. गुरुक्कल यानी गुरु के नाम से मशहूर मीनाक्षी अम्मा को इस साल प्रतिष्ठित नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।


5. आज उन्हें 'वड़क्कन पट्टकल' में उल्लिखित प्रसिद्ध पौराणिक योद्धा 'पद्मश्री मीनाक्षी' और 'ग्रैनी विद ए स्वॉर्ड' जैसे कई नामों से बुलाया जाता है।

6. आजकल जैसे कोई भी कला सीखने के लिए हजारों रूपये देने पड़ते हैं वहीं मीनाक्षी अम्मा कलारीपयट्ट (मार्शल आर्ट्स) सिखाने के लिए कोई फीस नहीं लेती। छात्र गुरुदक्षिणा के रूप में अपनी क्षमता और इच्छानुसार कुछ भी दे सकते हैं।


7. मीनाक्षी अम्मा अपना पद्मश्री के रूप में सम्मान पर कहती हैं कि मैं खुद को धन्य समझती हूं और यह पुरस्कार हर लड़की और हर महिला को समर्पित करती हूं, उन्हें यह बताने के लिए कि वे जिंदगी में जो चाहे हासिल कर सकती हैं, साथ ही मैं इसे सभी कलारीपयट्ट गुरुक्कलों को भी समर्पित करना चाहती हूं, जिन्होंने बिना रुके और बिना थके मार्शल आर्ट की इस विधा को जीवित रखा है।


 


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